Afghan Sufi preacher murdered: पुलिस ने कहा कि सूफी जरीफ चिश्ती ने येओला में 15 एकड़ जमीन और एक कार भी खरीदी थी. उन्हें संदेह है कि हत्यारे उन्हीं में से कोई हो सकता है जिसे चिश्ती ने अपनी संपत्ति का मालिक बताया था.
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नासिक: पिछले चार साल से भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे 28 वर्षीय अफगान सूफी उपदेशक की मंगलवार शाम महाराष्ट्र के नासिक जिले के एक जंगल इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना नासिक के येओला के जंगल इलाके में शाम करीब साढ़े सात बजे हुई. इब्ताई छानबीन में पुलिस ने पाया है. लगता है कि ये कत्ल प्रापर्टी विवाद की बुनियाद पर हुआ है.
मृतक की पहचान अहमद जरीफ चिश्ती के रूप में हुई है जिसे जरीफ चिश्ती के नाम से जाना जाता है। नासिक ग्रामीण के अधीक्षक सचिन पाटिल ने कहा, 'हमने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है. लगता है कि ये कत्ल प्रापर्टी विवाद की बुनियाद पर हुआ है.'
पुलिस ने कहा कि चिश्ती को जानने वाले आरोपी उसे एक वाहन में लेकर जंगल क्षेत्र में ले गए और कहा कि वे चाहते हैं कि सूफी साहब नई जमीन की छानबीन करे और बताए कि वह कैसी है. लेकिन चिश्ती को यह नहीं पता था कि यह उसकी हत्या करने की एक चाल थी. आरोपी उसे एक सुनसान जगह पर ले गया, और जैसे ही चिश्ती झारफूक और दम करने के बाद कार में जा रहे थे, उनमें से एक ने उसे बंदूक से गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद वे लोग मौके से भाग गए.'
चिश्ती ने तालिबान के डर से छोड़ा था अफगानिस्तान
पुलिस ने बताया कि भारत सरकार द्वारा दिए गए शरणार्थी के दर्जे पर चार साल पहले चिश्ती भारत आए थे. वह एक साल से अधिक समय से महाराष्ट्र के येओला में रह रहे हैं. इससे पहले वह कर्नाटक और दिल्ली में रुके थे. पुलिस ने कहा कि चिश्ती तालिबान से फांसी के डर से अफगानिस्तान से भागे थे.
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चिश्ती ने कैसे बनाई प्रापर्टी
पुलिस ने कहा कि चिश्ती की ज्यादा आमदी उनके YouTube चैनल से आती थी जहां वह मुरीदों को अपने उपदेश बताया करते थे. 2017 में बने चैनल के 2.27 लाख फॉलोअर्स हैं और इसे 6 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले हैं. पुलिस ने कहा कि उन्होंने जनता से दान से भी आमदनी में इज़ाफा किया.
चिश्ती की संपत्ति किसके नाम थी
पुलिस ने कहा कि चिश्ती के पास भारत में 3 करोड़ रुपये की संपत्ति है. चूंकि वह अफगानिस्तान से आए एक शरणार्थी है, वह भारतीय कानूनों के अनुसार संपत्ति नहीं खरीद सकता है, और इसलिए सभी संपत्तियां भारतीय नागरिकों के नाम पर खरीदी गईं जिन्हें वह जानते थे.
पुलिस ने कहा कि एक महिला, वह भी अफगानिस्तान की नागरिक, उसके साथ रह रही थीं और दावा करती कर रही हैं कि वह उसकी पत्नी हैं, लेकिन पुलिस को उसके पास से मैरिज सर्टिफिकेट नहीं मिला है. पुलिस को अब तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है जिससे उसके अपराध में संलिप्तता साबित हो. पीड़िता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.
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