अमेरिका को भेदने के लिए रूस तैयार कर रहा है प्लेयर, अफगानिस्तान क्वाड में भारत को शामिल करने की मांग
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2602929

अमेरिका को भेदने के लिए रूस तैयार कर रहा है प्लेयर, अफगानिस्तान क्वाड में भारत को शामिल करने की मांग

Russia on Afghanistan Quad: भारत ने अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद तालिबान सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी, लेकिन तालिबान के साथ संपर्क बनाए रखा है. अब रूस ने भारत से ये गुजारिश की है.

अमेरिका को भेदने के लिए रूस तैयार कर रहा है प्लेयर, अफगानिस्तान क्वाड में भारत को शामिल करने की मांग

Russia on Afghanistan Quad: रूस ने अफगानिस्तान पर केंद्रित क्वाड समूह में भारत को शामिल करने की गुजारिश की है. इस संगठन में चीन, पाकिस्तान, रूस और ईरान शामिल हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के भीतर विश्वास को मजबूत करना और भारत को मौजूदा अफगानिस्तान क्वाड में शामिल करना सही कदम होगा. फिलहाल अफगानिस्तान क्वाड में रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान शामिल हैं. 

रूसी मंत्री ने क्या कहा?
अफगानिस्तान क्वाड की पिछली बैठक नवंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सेशन के दौरान विदेश मंत्रियों के स्तर पर हुई थी. इस बैठक में ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीनी विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तानी रक्षा मंत्री मुहम्मद आसिफ ने हिस्सा लिया था. बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में अफगानिस्तान की "राष्ट्रीय संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता" के लिए समर्थन का आह्वान किया गया. 

पहले अफगानिस्तान क्वाड में शामिल था भारत
वाजेह हो कि SCO में पहले एक अफगानिस्तान संपर्क समूह था, जिसमें भारत भी शामिल था, लेकिन 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह समूह निष्क्रिय हो गया. लावरोव की टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब नई दिल्ली ने काबुल में तालिबान सरकार के साथ अपनी सहभागिता बढ़ा दी है. इसी महीने भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी ने दुबई में मुलाकात की और चाबहार बंदरगाह और भारतीय मानवीय सहायता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी.

तालिबान के प्रति भारत का रूख
भारत ने अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद तालिबान सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी, लेकिन तालिबान के साथ संपर्क बनाए रखा है. भारत ने 2018 में मॉस्को फॉर्मेट के तहत पहली बार "गैर-आधिकारिक स्तर" पर तालिबान के साथ बातचीत की थी. अफगानिस्तान क्वाड में भारत को शामिल करने का रूस का प्रस्ताव क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ समन्वय को और मजबूत कर सकता है.

Trending news