Syria: इजरायल ने 5 साल तक की तैयारी, एक घंटे में तबाह हो गई ईरानी मिसाइल फैक्ट्री
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Syria: इजरायल ने 5 साल तक की तैयारी, एक घंटे में तबाह हो गई ईरानी मिसाइल फैक्ट्री

Israeli attack on Syria: इजरायल लगातार सीरिया पर हमले कर रहा है. इस हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए और 43 घायल हो गए. हालांकि, इजरायली सेना ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली.

Syria: इजरायल ने 5 साल तक की तैयारी, एक घंटे में तबाह हो गई ईरानी मिसाइल फैक्ट्री

Israeli attack on Syria: इजराइल पूरे मिडिल ईस्ट में दादागिरी कर रहा है. वह जहां चाहता है, वहां हमला कर रहा है. गाजा और लेबनान के बाद वह सीरिया में भी धौंस जमा रहा है. गाजा और लेबनान के बाद इजरायली कमांडो ने सीरिया पर भी हमला किया. इस हमले में सीरिया में मिसाइल बनाने वाली फैक्ट्री तबाह हो गई. हालांकि, इजरायली सेना ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली. अब इजरायल ने एक्सेप्ट किया है कि उसके कमांडो ने पिछले साल सितंबर में सीरिया में मिसाइल बनाने वाली फैक्ट्री पर हमला किया था. इस ऑपरेशन के लिए पहले ही इजरायली रक्षा बलों को दोषी ठहराया जा चुका है. 

1 जनवरी को ली हमले की जिम्मेदारी
'द टाइम्स ऑफ इजरायल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने 1 जनवरी 2025 को इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली, जिसे 'ऑपरेशन डीप लेयर' नाम दिया गया. यह घोषणा सीरिया में बशर अल-असद शासन के पतन के कुछ सप्ताह बाद की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैक्ट्री ईरान की थी और असद के तेहरान से गहरे संबंध थे.

8 सितंबर को किया हमला
असद ने ईरान को लेबनान में हिजबुल्लाह को हथियार बनाने और वितरित करने के लिए सीरियाई भूमि का उपयोग करने की इजाजत दी थी. इजरायली वायु सेना की शालदाग इकाई के सदस्यों ने 8 सितंबर को इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. ऑपरेशन का उद्देश्य हिजबुल्लाह के लिए सटीक मिसाइलों के निर्माण के लिए बनाई गई भूमिगत ईरानी साइट को नष्ट करना था.

इजरायली सैनिकों ने सीरिया के मस्याफ क्षेत्र में वैज्ञानिक अध्ययन और रिसर्च सेंटर, (जिसे CERS या SSRC के नाम से जाना जाता है) पर हमला किया. यह साइट इजरायल से 200 किलोमीटर (124 मील) उत्तर में मौजूद है, हालांकि सीरिया के पश्चिमी तट से सिर्फ 45 किलोमीटर (28 मील) दूर है.

5 साल से हमले का बना रहा था प्लान
आईडीएफ पांच साल से ज्यादा वक्त से इसकी निगरानी कर रहा था और इसे कई बार निशाना बनाया, लेकिन पाया कि सीईआरएस में कुछ भूमिगत बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए हवाई हमले पर्याप्त नहीं थे. 8 सितंबर को इजरायली एयरफोर्स के कमांडो कथित तौर पर हेलीकॉप्टर से उतरे और कारखाने पर छापा मारा. उन्होंने इसके मेन गेट पर कुछ गार्डों को मार डाला, और फिर मिसाइल निर्माण कारखाने में दाखिल हुए.  सैनिकों ने भूमिगत कारखाने में विस्फोटक लगाए, खुफिया सामग्री और दस्तावेज निकाले और सुरक्षित रूप से भाग निकले. 

14 लोगों की हुई थी मौत
सैनिकों ने भूमिगत साइट के साथ-साथ ईरान द्वारा मिसाइल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को भी दूर से विस्फोट कर नष्ट कर दिया. इजरायली विमानों ने आसपास के क्षेत्र में कई लक्ष्यों पर हमला किया. कथित तौर पर कम से कम 14 लोग मारे गए और 43 घायल हो गए. कुछ इजरायली रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, सैनिक लगभग एक घंटे तक जमीन पर रहे.

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