Bangladesh Government Crisis: बांग्लादेश सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी. सरकार के इस फैसले के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान बांग्लादेश पुलिस ने प्रदर्शन को खत्म करने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके बाद और हिंसा भड़क गई.
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Bangladesh Government Crisis: बांग्लादेश में हिंसक झड़प के बीच पीएम शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. जिसे राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने स्वीकार कर लिया है. इस बीच दावा किया गया है कि शेख हसीना ने राजनीति को अलविदा कह दिया है. उनके बेट शाजेब वाजेद जॉय ने इस खबर की तस्दीक की है. एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि फिलहाल, वो (शेख हसीना) भारत पहुंची है, जिसके बाद लंदन जाएंगी.
शेख हसीना है बेहद निराश
बीबीसी से बातचीत करते हुए शेख हसीना के बेटे ने कहा कि अब उनकी राजनीति में वापसी नहीं होंगी. वह इस बात से बेहद निराश हैं कि उनकी इतनी मेहनत के बाद भी अल्पसंख्यक उनके खिलाफ उठ खड़े हुए हैं. हसीना एक दिन पहले ही इस्तीफा देने की सोच रही थी. उसके बाद जब परिवार के लोगों ने उन्हें समझाया तो उन्होंने सुरक्षा के लिहाज से मुल्क छोड़ दिया.
हसीना के बेटे ने आगे कहा, "शेख हसीना बांग्लादेश की हालात को बदल दी है. जब वह पीएम बनीं, तो बांग्लादेश एक असफल देश माना जाता था. बांग्लादेश एक गरीब देश के रूप में देखा जाता था. आज बांग्लादेश को एशिया का उभरते हुए शेरों में एक माना जाता है. इस घटना से मैं और मेरी मां काफी निराश हैं."
चुनाव को लेकर कही ये बड़ी बात
जॉय ने कहा, "हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश में इलेक्शन होंगे, लेकिन फिलहाल हमारी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है और मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष इलेक्शन होने की उम्मीद है. एक तरह से, यह अब पारिवारिक समस्या नहीं रह गई है. हमने दिखाया है कि हम क्या कर सकते हैं. हमने दिखाया है कि हम बांग्लादेश का कितना विकास कर सकते हैं और अगर बांग्लादेश के लोग खड़े होकर इन हिंसक अल्पसंख्यकों का समर्थन नहीं करना चाहते हैं, तो लोगों को वह नेतृत्व मिल गया है जिसके वे हकदार थे."
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बांग्लादेश सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को 5 फीसद रिजर्वेशन देने का ऐलान किया था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे. इस दौरान बांग्लादेश पुलिस ने प्रदर्शन खत्म करने के लिए बल का प्रयोग किया, जिसके बाद और हिंसा भड़क उठी. इसके बाद शेख हसीना सरकार ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी, उसकी स्टूडेंट यूनियन और उससे जुड़े अन्य संगठनों पर बैन लगा दिया था. यह कदम बांग्लादेश में और प्रदर्शन और हिंसक हो गया. सरकार की इस कार्रवाई के बाद ये संगठन शेख हसीना सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.