Supreme Court on Name plates: UP-UK सरकार पर चला सुप्रीम कोर्ट का डंडा, नेमप्लेट आदेश पर लगी रोक
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2347395

Supreme Court on Name plates: UP-UK सरकार पर चला सुप्रीम कोर्ट का डंडा, नेमप्लेट आदेश पर लगी रोक

Supreme Court on Name plates: सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा वाले रूठ पर मुस्लिम दुकानदारों से अपनी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के यूपी और उत्तराखंड सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से अगले शुक्रवार तक जवाब माँगा है.

Supreme Court on Name plates:  UP-UK सरकार पर चला सुप्रीम कोर्ट का डंडा, नेमप्लेट आदेश पर लगी रोक

Supreme Court on Name plates: सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार बड़ा झटका लगा है. सरकार के नेमप्लेट वाले फैसले पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कांवड़ यात्रा वाले रूठ पर दुकानदारों से अपनी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के यूपी और उत्तराखंड सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से अगले शुक्रवार तक जवाब माँगा है. कोर्ट के इस आदेश से उत्तर प्रदेश, उत्तरखंड और मध्य परदेश सरकार को करारा झटका लगा है. 

सहयोगी दलों ने जाहिर की थी नाराजगी
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा वाले रूठ पर दुकानदारों से अपनी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था, जिसके बाद पूरे देश में हंगामा मच गया था. बीजेपी के सहयोगी दलों ने इस फैसले की आलोचना की थी. जिसमें जदयू, आरएलडी समेत कई अहम सहयोगी दलों ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी.

इसे भी पढ़ें: Uttarakhand News: UP के बाद उत्तराखंड पुलिस का फरमान, सभी दुकानदारों को लगाना होगा नेमप्लेट

वकील ने क्या दी दलील
इस मामले की सुनवाई में वादी पक्ष के वकील ने दलील दी थी कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. पुलिस इस तरह के निर्देश जारी कर रही है. इस तरह की कवायद के चलते समाज को बांटने की कोशिश हो रही है, ताकि मुस्लिम समुदाय की पहचान सुनिश्चित कर उनका आर्थिक बहिष्कार कर सके. 

वकील ने कहा, " देश में कोई ऐसा क़ानून नहीं है, जो पुलिस ऑथोरिटी को इस तरह का निर्देश जारी करने का हक़ देता हो. ये निर्देश सिर्फ ढाबा होटल तक महदूद नहीं है, पटरी पर रेहड़ी वालो तक ये निर्देश जारी किए गय है." 

इसे भी पढ़ें: नेमप्लेट विवाद को लेकर UP सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएगी जमीयत उलेमा-ए-हिंद, दिल्ली में अहम बैठक

सुप्रीम के जस्टिस ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट के इस का सवाल पर कि क्या सरकार ने इस बारे में कोई औपचारिक आदेश जारी किया है,  वकील  ने कहा कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से इसे लागू रही है. पुलिस कमिश्नर ऐसे निर्देश जारी कर रहे है. इसके बाद जस्टिस भट्टी ने कहा कि इस तरह के मामलो में अतिरेक से बचना चाहिए. इस मामले में कई पहलू हो सकते हैं. 

सभी दलीलों को सुनने के बाद लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने आगे कहा, "इस तरह के फैसले में लोगों की हाइजीन, खाने का स्टैंडर्ड का पहलू भी शामिल हो सकता है. ये सब बातें भी अहमियत रखती है. आपकी दलील है कि इस तरह का आदेश एक खास तबके को बहिष्कार की तरफ ले जाएगा?  इस पर वकील सिंघवी ने कहा कि  कांवड़ यात्रा लंबे अरसे से चल रही है. सभी धर्म के लोग कावड़ियों की मदद करते आ रहे हैं. अब इस तरह का विभाजन हो रहा है. सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी.

Trending news