संसद में भड़के असदुद्दीन ओवैसी; बोले- "भाजपा का एजेंडा है मुस्लिम को हाशिए पर रखना और मतदाताओं तक सीमित रखना"
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संसद में भड़के असदुद्दीन ओवैसी; बोले- "भाजपा का एजेंडा है मुस्लिम को हाशिए पर रखना और मतदाताओं तक सीमित रखना"

Asaduddin Owaisi in Sansad: AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में कहा है कि मुसलमानों के बारे में कोई नहीं सोचता है. संसद में उनकी मौजूदगी कम हुई है. उन्होंने कहा का भाजाप का एजेंडा मुसलमानों को हाशिए पर रखना है.

संसद में भड़के असदुद्दीन ओवैसी; बोले- "भाजपा का एजेंडा है मुस्लिम को हाशिए पर रखना और मतदाताओं तक सीमित रखना"

Asaduddin Owaisi in Sansad: संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा की आलोचना की. उन्होंने कहा कि पार्टी की चुनावी सफलता काफी हद तक उसके हिंदुत्व रुख और मुस्लिम विरोधी बयानबाजी के कारण मिली है.

मुसलमानों की अनदेखी
ओवैसी ने कहा कि "मैं विपक्षी दलों से कहना चाहूंगा कि यह आपकी जीत नहीं है, बल्कि बहुसंख्यकवाद की जीत है. सभी को चिंतन और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. ऐसा क्यों है कि ओबीसी और ऊंची जातियों को अधिक प्रतिनिधित्व मिल रहा है, जबकि मुसलमानों की अनदेखी हो रही है? क्या हम यहां केवल आपको वोट देने के लिए हैं, चुनाव जीतने के लिए नहीं?" उन्होंने संसद में मुसलमानों के कम प्रतिनिधित्व पर भी दुख जताया और इस बात पर जोर दिया कि देश में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी होने के बावजूद, केवल 4 प्रतिशत मुस्लिम प्रतिनिधि ही सदन में सीटें जीत पाते हैं.

संविधान में मुस्लिम का जिक्र
ओवैसी ने कहा, "यह विसंगति भारत के संस्थापकों की समावेशी दृष्टि को कमजोर करती है, जिन्होंने संविधान को सभी समुदायों के लिए सपनों की किताब के रूप में देखा था." संविधान के निर्माण पर विचार करते हुए ओवैसी ने कहा, "जब भारत का संविधान बनाया जा रहा था, और एक अलग मतदाता सूची और इंतिखाबी आरक्षण के विचार सामने आए, तो हमारे संस्थापक पिता, हिंदू और मुसलमान दोनों ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया और फैसला किया कि वे इससे सहमत नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अल्पसंख्यक प्रतिनिधि संख्या में चुने जाएं." 

मुसलमानों की कोई बात नहीं सुनता
ओवैसी ने संविधान के प्रति प्रेम का दावा करने वालों से भी आग्रह किया कि वे संवैधानिक बहसों के दौरान अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में पंडित जवाहरलाल नेहरू, एससी मुखर्जी और सदर हुकम सिंह जैसे नेताओं के विचारों पर फिर से विचार करें. हैदराबाद से एआईएमआईएम सांसद ने हाशिए पर पड़े समूहों के लिए चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "आज, मैं उन लोगों के बारे में बात कर रहा हूं जिन्हें देखा जाता है, लेकिन कोई उनके बारे में बात नहीं करता है, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घुसपैठिया करार दिया है, वे महिलाएं जिनके 'कई बच्चे' हैं, वे युवा जो भीड़ द्वारा हत्या का शिकार हो जाते हैं, वे माता-पिता जिनके बच्चे गलत कानूनों के कारण जेल में सड़ रहे हैं." 

भाजपा पर उठाया सवाल
ओवैसी ने भाजपा के तहत भारत के भविष्य पर भी सवाल उठाया, दावा किया कि पार्टी का एजेंडा मुसलमानों को हाशिए पर रखना है, उनकी भूमिका को निर्वाचित प्रतिनिधियों के बजाय केवल मतदाताओं तक सीमित कर देना है. उन्होंने बताया कि ओबीसी सांसदों को उच्च जाति के सांसदों के बराबर प्रतिनिधित्व मिला है, लेकिन मुसलमानों का प्रतिनिधित्व काफी कम हुआ है. भीड़ द्वारा हत्या और मुस्लिम संपत्तियों को ध्वस्त करने की घटनाओं को उजागर करते हुए, ओवैसी ने विपक्षी दलों पर हमला किया और चेतावनी दी कि जल्द ही मुस्लिम शब्द का उल्लेख करना भी प्रतिबंधित हो सकता है.

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