Sambhal Jama Masjid: संभल से सटे गांव चंदायन में हजारों मुसलमानों के बीच कुछ दर्जन भर हिंदू परिवार खुद को महफूज महसूस कर रहा है. उनका कहना है कि संभल हिंसा का हमारे गांव में कोई असर नहीं देखने को मिला है. हमारे गांव में हिंदु-मुसलमान सालों से मिलजुल कर रह रहे हैं.
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Sambhal Jama Masjid Row: उत्तरप्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद फैले तनाव के बीच संभल से सटे मुस्लिम बाहुल्य गांवों में वहां रह रहे हिंदुओं की हिफाजत खुद उस गांव के मुसलमान कर रहे हैं. संभल से सटे एक गांव चंदायन के हिंदू मुसलमानों के बीच में बेफ्रिक होकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. उनका कहना है कि हमारी आबादी भले ही कम है, लेकिन चंदायन गांव के सरपंच और बाकी तमाम मुसलमान काफी अच्छे हैं और हमें किसी तरह का कोई डर नहीं लग रहा है. चंदायन गांव के लोगों ने यूपी पुलिस का भी आभार जताया.
चंदायन गांव में नहीं दिखा संभल का असर
संभल हिंसा के भारी तनाव के बाबजूद हिंदुओं की आस्था के अटूट केंद्र 5वीं शती के चंद्रेश्वर महादेव मंदिर से सटे मुस्लिम बाहुल्य गांव चंदायन में योगी सरकार की पुलिस की मेहनत का असर देखने को मिला, तमाम पुलिसवाले लगातार इलाके में लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाते नजर आए, वहीं चंदायन गांव के मुस्लिम सरपंच ने भी लोगों की हिफाजत का मोर्चा खुद संभाला.
हिदुओं ने की मुसलमान पड़ोसियों की तारीफ
चंदायन गांव में हजारों की संख्या में मुस्लिम आबादी है, जिनके साथ कुछ दर्जन भर हिंदू परिवार रहते हैं. इस मामले में जब ज़ी मीडिया ने वहां रह रहे हिंदुओं से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने अपने सरपंच और बाकी मुसलमानों की जमकर तारीफ की. इसके साथ-साथ उन्होंने योगी सरकार की पुलिस का भी शुक्रिया किया.
मुसलमानों ने की गांव के हिंदुओं की हिफाजत
ज़ी मीडिया की टीम ने चंदायन गांव पहुंचकर गांव के मुस्लिमों से बात की तो उन्होंने बताया कि संभल में जामा मस्जिद सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद गांव के लोगों में भी काफी तनाव था, गांव में रह रहे 1 दर्जन हिंदू परिवारों में डर का माहौल था. इस हालात में गांव के प्रधान और बुजुर्ग मुस्लिमों ने गांव के युवाओं और अपने समुदाय के लोगों को साफ तौर पर समझा दिया था कि हिंदू परिवारों की सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी है, इसलिए भाईचारे को बनाए रखना है, माहौल खराब करने की कोशिश की तो योगी की पुलिस की सख्त कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहे.
संभल हिंसा का जिक्र करने से बचे
गांव के मुसलमान संभल हिंसा का जिक्र करने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि संभल हिंसा का हमारे गांव से कुछ लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि संभल जामा मस्जिद विवाद कोर्ट का मामला है.