मुस्लिमों की दुकानों पर लगाए गए लाल निशान; उनसे लेन-देन करने वाले हिंदुओं का भी बहिष्कार का ऐलान
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मुस्लिमों की दुकानों पर लगाए गए लाल निशान; उनसे लेन-देन करने वाले हिंदुओं का भी बहिष्कार का ऐलान

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है और सोलन में अवैध मस्जिद की चिंगारी आज ज्वाला में बदल गई. हिंदू संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच हिंदू संगठनों ने बड़ा ऐलान किया है.

मुस्लिमों की दुकानों पर लगाए गए लाल निशान; उनसे लेन-देन करने वाले हिंदुओं का भी बहिष्कार का ऐलान

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में अवैध मस्जिद की चिंगारी आज सोलन में ज्वाला बन गई. आज दोपहर 12 बजे तक सोलन बाजार पूरी तरह बंद रहा. व्यापार मंडल व हिंदू संगठनों ने व्यापक विरोध रैली निकाली गई. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह कड़ी रही. यह विरोध रैली चिल्ड्रन पार्क से शुरू होकर पूरे शहर में घूमी, वहीं प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद के बाहर माल रोड पर हनुमान चालिया का पाठ भी किया.

मुसलमान के दुकानों की होगी जांच
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से गुजारिश की बाहर से आने वाले लोगों की जांच करें, अगर उनकी जांच नहीं होती है, तब वह पीछे नहीं हटेंगे और प्रदर्शन करते रहेंगे. इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है कि ऐसी दुकानों को चिह्नित किया जाएगा, जो व्यपारियों ने मुसलमान को ऊंचे किरायों पर दे रखी है. उसके बाद उन व्यापारियों का भी बहिष्कार किया जाएगा.

व्यापार मंडल के चीफ ने क्या कहा?
व्यापार मंडल अध्यक्ष कुशल जेठी ने कहा कि यह सांकेतिक बंद की मांग थी. उन्होंने कहा कि वे प्रशासन को कई बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत करा चुके हैं कि प्रवासी लोगों की उचित जांच होनी चाहिए कि वे किस तरह से 100 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से सामान दे रहे हैं. सोलन जैसी जगह पर 5,000 रुपये प्रतिदिन का किराया वसूला जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक उचित जांच नहीं हो जाती, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं.

 मस्जिद निर्माण की फैलाई अफवाह
वहीं, हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायत दडूही के अंतर्गत मटाहणी क्षेत्र में मस्जिद निर्माण की अफवाह सोशल मीडिया पर फैली, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया. मामले की सच्चाई जानने के लिए सोमवार सुबह वन विभाग के अधिकारी मटाहणी क्षेत्र में पहुंचे. वहां जाकर देखा तो एक पुरानी मजार पर टाइल बिछाने और दीवार खड़ी करने का काम चल रहा था. 

जांच में पता चला कि मस्जिद नहीं बल्कि मजार को मजबूत करने का काम चल रहा था. यहां टाइल बिछाने का काम हो रहा था और बाउंड्रीवॉल भी लगाई जा रही थी. मस्जिद निर्माण की अफवाह फैलने के बाद बाउंड्रीवॉल भी हटा दी गई.

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