बढ़ रहा है आपका वजन तो हल्के में न लें; कैंसर का रिश्तेदार है मोटापा!
Advertisement

बढ़ रहा है आपका वजन तो हल्के में न लें; कैंसर का रिश्तेदार है मोटापा!

हाल ही में किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों में एक खास तरह के खून के कैंसर (मल्टीपल मायलोमा) के विकसित होने का खतरा अधिक होता है.इस रिसर्च के मुताबिक, मोनोक्लोनल गामोपाथी ऑफ अनडिटरमाइंड सिग्निफिकेंस (MGUS) नामक एक benign hematologic disorders मल्टीपल मायलोमा का शुरुआती स्टेज माना जाता है. इस कंडीशन में प्लाज्मा सेल्स एक अलग तरह के प्रोटीन का प्रोडक्सन करती हैं, हालांकि ज्यादातर मरीजों में इसके कोई खास सिमप्टमस नहीं दिखते.

बढ़ रहा है आपका वजन तो हल्के में न लें; कैंसर का रिश्तेदार है मोटापा!

हाल ही में हुए एक रिसर्च से पता चला है कि मोटापे से जूझ रहे लोगों में एक खास तरह के ब्लड कैंसर (मल्टीपल मायलोमा) के डेवलप होने का खतरा अधिक होता है. रिसर्चर ने इस स्टडी में पाया कि एक इंसान का वजन, उसके धूम्रपान करने की आदत और एक्सरसाइज का लेवल इस कैंसर के डेवलप होने की संभावना को बढ़ाते हैं.

इस रिसर्च के मुताबिक, मोनोक्लोनल गामोपाथी ऑफ अनडिटरमाइंड सिग्निफिकेंस (MGUS) नामक एक benign hematologic disorders मल्टीपल मायलोमा का शुरुआती स्टेज माना जाता है. इस कंडीशन में प्लाज्मा सेल्स एक अलग तरह के प्रोटीन का प्रोडक्सन करती हैं, हालांकि ज्यादातर मरीजों में इसके कोई खास सिमप्टमस नहीं दिखते. लेकिन  MGUS का होना इस बात की ओर इशारा करता है कि फ्यूचर में मल्टीपल मायलोमा जैसी गंभीर बीमारी डेवलप होने के चांसेस ज्यादा हैं.

अब भी ये एक लाइलाज बीमारी है
ये रिसर्च  'ब्लड एडवांसेज' नाम के एक जर्नल में पब्लिश हुआ है. इस रिसर्चर की टीम को मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के डॉ. डेविड ली लीड कर रहे थे.  डॉ. ली ने बताया कि वैसे तो मल्टीपल मायलोमा के इलाज़ में अच्छी खासी प्रोग्ररेस हुई है, लेकिन ये अभी भी एक लाइलाज बीमारी है. अक्सर ये तब तक डायग्नोस नहीं होता जब तक कि मरीज के किसी अंग को नुकसान नहीं पहुंच जाता.

कौन-कौन से हैं रिस्क फैक्टर
डॉ ली ने रिस्क फैक्टर के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि हमारी रिसर्च टीम MGUS के रिस्क फैक्टर और कारणों को पहचानने पर फोकसड है.  ताकि इसे बेहतर तरीके से समझा जा सके कि आखिर किन लोगों में MGUS डेवलप होने का खतरा अधिक है और ये मल्टीपल मायलोमा में कैसे बदल जाता है. इस रिसर्च में टीम ने 2,628 ऐसे लोगों को शामिल किया जो मल्टीपल मायलोमा के विकास के लिए ज्यादा खतरे में थे. इन लोगों को उनके जेनेटिक हिस्ट्री और ब्लड कैंसर के फैमिली हिस्ट्री के बेस पर चुना गया था.इन सभी लोगों को MGUS के लिए चेक किया गया.

मोटे लोगों को अधिक खतरा
 टीम ने इस रिसर्च में पाया कि मोटापे से जूझ रहे लोगों में नार्मल वजन वाले लोगों की तुलना में MGUS होने की संभावना 73% अधिक थी. हालांकि, रिसर्च में ये भी पाया गया कि जो लोग अत्यधिक सक्रिय थे यानि की दिन में 45-60 मिनट या उससे अधिक दौड़ने या टहलने के बराबर एक्सरसाइज करते थे, उनमें MGUS होने की संभावना कम थी, भले ही उनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) अधिक हो. इसके विपरीत, जो लोग भारी धूम्रपान करते थे और कम सोते थे, उनमें MGUS का लेवल अधिक पाया गया. हालांकि रिसर्चर ने MGUS, मोटापे और लाइफस्टाइल के फैक्टर के बीच एक मजबूत रिश्ता पाया है. डॉ ली ने समझाया कि ये रिजल्ट फ्यूचर की स्टडी को गाइड करेंगें, जिसमें वजन, व्यायाम और धूम्रपान जैसे बदले जा सकने वाले रिस्क फैक्टर के कैंसर के खतरे पर प्रभाव को समझना जा सकेगा.

Trending news