रीढ़ की हड्डी में चोट लगने पर रीढ़ की हड्डी को नुक्सान होता है. ये तंत्रिका तंत्र मस्तिष्क को पूरे शरीर की तंत्रिकाओं से जोड़ता है और इसमें चोट लगने से रीढ़ की हड्डी की नसें प्रभावित होती है. कई बार ये चोटें मामूली और साधारण से लेकर स्थाई और गंभीर हो सकती है.
मोटर वाहन दुर्घटना, हिंसा या लड़ाई करते वक्त, खेलते - कूदते वक्त, रीढ़ की हड्डी में खून का प्रवाह कम होना, सूजन , कैंसर, गठिया, संक्रमण, फ्रैक्चर, गोली या चाकू का घाव
गर्दन में अकड़न,मांसपेशियों में कमजोरी, कमजोरी, चलने में मुश्किल होना , बेहोशी की हालत , साँस की परेशानी, हाथ या पैर का पक्षाघात, मूत्र मार्ग में संक्रमण
सर्जरी- यदि डॉक्टर को लगता है कि रीढ़ की हड्डी हर्नियेटेड डिस्क, रक्त के थक्के या कोई और चोट के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है तो वे आपको सर्जरी की सलाह देंगे.
रीढ़ की हड्डी का इलाज उसकी गम्भीरता पर निर्भर करता है कि चोट किस प्रकार की है. बेड रेस्ट इसका एक तरीका होता है. अमूमन 3 महीने में सामान्य दर्द ठीक हो जाता है. फ्रैक्चर के केस में बेल्ट का प्रयोग करने से कमर को सीधा रखने में मदद मिलती है.
दर्दनाशक दवाओं का प्रयोग भी किया जा सकता है लेकिन उनका प्रयोग डॉक्टर के परामर्श पर ही लें और अधिक समय तक दवाओं का सेवन ना करें.
सुरक्षा उपकरण और संयम का उपयोग, किसी भी दुर्घटना से बचें , विटामिन डी और कैल्शियम का सेवन करें , तम्बाकू के सेवन से बचें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी और सूचना केवल तथ्यों पर ही आधारित है. ZeePHH इसकी पुष्टि नहीं करता और बताए गए नुस्खों पर अमल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
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