Mission Mausam: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर 'मिशन मौसम' का शुभारंभ करेंगे, जिसका उद्देश्य देश को मौसम के प्रति तैयार और जलवायु-स्मार्ट राष्ट्र बनाना है.
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IMDs 150th Foundation Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में भारत को मौसम के प्रति सजग और जलवायु के प्रति स्मार्ट राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल 'मिशन मौसम' का उद्घाटन करेंगे. यह शुभारंभ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस समारोह के साथ हो रहा है.
मिशन मौसम क्या है?
मिशन मौसम मौसम पूर्वानुमान और प्रबंधन को बदलने की दिशा में भारत का अगला बड़ा कदम है. उन्नत उपकरणों, विस्तारित नेटवर्क और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके, इसका उद्देश्य मौसम के पैटर्न पर जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव से निपटना है. मिशन का ध्यान लघु और मध्यम अवधि के पूर्वानुमानों को बेहतर बनाने और चरम मौसम की घटनाओं के लिए तैयारियों को बढ़ाने पर है.
उद्देश्य
-उन्नत पूर्वानुमान: पूर्वानुमान की सटीकता में 5-10 प्रतिशत की वृद्धि तथा 10-15 दिन के अग्रिम समय के साथ पंचायत स्तर तक पूर्वानुमान का विस्तार.
-उन्नत प्रौद्योगिकी: मौसम प्रणालियों के बेहतर मॉडल के लिए एआई, मशीन लर्निंग और उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कंप्यूटरों का उपयोग करें.
-बेहतर वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान: मेट्रो शहरों में वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान में 10 प्रतिशत तक सुधार होगा.
-नाउकास्टिंग सुधार: वास्तविक समय मौसम अपडेट के लिए नाउकास्ट आवृत्ति को तीन घंटे से घटाकर एक घंटा किया गया है.
मिशन मौसम क्यों जरूरी है
भारत को बादल फटने, बिजली गिरने और भारी वर्षा जैसी चरम मौसम की घटनाओं से बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो अक्सर एक ही समय में सूखे और बाढ़ दोनों का कारण बनती हैं. 12 किमी रिज़ॉल्यूशन वाले मौजूदा मौसम मॉडल छोटे पैमाने की घटनाओं को ट्रैक करने में संघर्ष करते हैं. सीमित डेटा और बदलती जलवायु परिस्थितियाँ मौसम की भविष्यवाणी और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए नए समाधानों की मांग करती हैं.