Krishna Janmashtami: आज ही के दिन मानव रूप में प्रकट हुए थे भगवान श्री कृष्ण
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1771853

Krishna Janmashtami: आज ही के दिन मानव रूप में प्रकट हुए थे भगवान श्री कृष्ण

Krishna Janmashtami 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण मानव रूप में प्रकट हुए थे.

Krishna Janmashtami: आज ही के दिन मानव रूप में प्रकट हुए थे भगवान श्री कृष्ण

Masik Krishna Janmashtami 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 9 जुलाई को दिन रविवार और सावन महीने की सप्तमी तिथि है जो कि रात 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगी. इसके बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है. सावन महीने की कृष्ण जन्माष्टमी का खास महत्व होता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी की विधिवत पूजा कर अत्यंत शुभ फल मिलता है. 

क्यों मनाई जाती है कृष्ण जन्माष्टमी?
बता दें, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादों महीने में हुआ था, लेकिन वे मानव रूप में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रकट हुए थे. यही वजह है कि कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी की विधिवत पूजा की जाती है. 

ये भी पढ़ें- kalashtami 2023: कलाष्टमी पर भूलकर भी न करें ये गलती, जीवन में बढ़ जाएगी परेशानी

आज रात मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी
पंचांग के अनुसार, आज शाम 7 बजकर 54 मिनट पर कृष्ण जन्माष्टमी शुरू हो जाएगी जो कि अगले दिन यानी 10 जुलाई को 6 बजकर 43 मिनट पर
समाप्त होगी. बता दें, भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात के समय हुआ था. ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी भी 9 रात के समय ही मनाई जाती है. ऐसे में इस माह सावन की कृष्ण जन्माष्टमी 9 जुलाई यानी आज रात मनाई जाएगी. 

ऐसे करें भगवान श्री कृष्ण की पूजा
जो भक्त श्रीकृष्ण की षोडशोपचार पूजा कर सकते हैं वे 'पंचोपचार पूजा' अवश्य करें. पूजन के दौरान 'सपरिवाराय श्री कृष्णाय नमः' इस मंत्र का जाप करें. भक्त इसी मंत्र का जाप करते हुए श्री कृष्ण एक-एक कर पूजा की सारी सामाग्री अर्पित करें. बता दें, भगवान श्री कृष्ण की पूजा में दही, माखन और पोहा को शामिल करें और कान्हा जी को इसी का भोग लगाएं. इसके बाद आरती करें. बता दें, कृष्ण जी की पूजा में गंध, हल्दी, कुमकुम, फूल, धूप, दीप रखें और फिर आरती कर उन्हें भोग लगाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)

WATCH LIVE TV

Trending news