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शिमला: आप सभी ने जरूर बैंक लॉकर में अपने सोने-चांदी के सामान और रुपये रखे होंगे ताकि वो सुरक्षित रहे. लेकिन आपको थोड़ा सावधान रखने की जरूरत है. आप सोच रहे होंगे की हम आपको यह सब क्यों बता रहे हैं. दरअसल, हिमाचल की राजधानी में बैंक के लॉकर से किसी के सामान को बैंक प्रबंधन ने किसी और का समझ कर दे दिया.
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बता दें, शिमला में एक प्राइवेट बैंक प्रबंधन पर लॉकर में रखे गने किसी और को देने का आरोप लगा है. शहर के एक कारोबारी ने इस बात को लेकर थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शिकायकर्ता आशुतोष सूद पुत्र देवेंद्र लाल सूद निवासी सत्या निकेतन ने कहा कि उन्होंने एक प्राइवेट बैंक में साल 1998 में लॉकर नंबर 77 नंबर लिया था. जिसे साल 2017 में बैंक अधिकारियो ने बताया था कि अब आपका नंबर 77 से बदलकर 177 कर दिया गया है. ऐसे में वह 2017 से 2019 तक 177 नंबर लॉकर का संचालन कर रहे थे.
साल 2019 के बाद उन्होंने लॉकर को खोला नहीं. उसके बाद सीधे आशुतोष ने 30 जुलाई 2022 को लॉकर चेक के लिए बैंक गए थे. जब लॉकर में चाबी नहीं लगी, तो बैंक अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, तो बैंक में बताया गया कि यह लॉकर नंबर गुरुप्रीत सिंह विरक के नाम से रजिस्टर है. ऐसे में जब गुरुप्रीत ने बताया की लॉकर की चाबियां खो गई हैं, तो लॉकर का ताला तोड़ सारा सामान बैंक ने गुरुप्रीत को दे दिया. जो सारा सामान लेकर चला गया.
ऐसे में अब शिकायतकर्ता का आरोप है कि उस लॉकर में रखा सारा समान उसका था. उसमें 50 लाख के गहने रखे थे जिसे बैंक अधिकारियों ने लॉकर का ताला तोड़ किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिया. आशुतोष ने यह भी आरोप लगाया कि ये धोखाधड़ी आपसी मिलीभगत से हुई है. हालांकि, पुलिस ने आईपीसी की धारा 409, 420, 120B के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
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