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समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल में 20 साल के बाद ओल्ड पेंशन लौट आई है. राज्य सरकार ने गुरुवार को अधिसूचनाओं जारी की और एक कार्यालय आदेश के जरिए नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस को पूरी तरह खत्म कर दिया है.
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बता दें, यह आदेश मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से हुए हैं. ओल्ड पेंशन को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने सेंट्रल सिविल सर्विस पेंशन रूल्स 1972 में संशोधन किया है. इसके प्रावधानों के अनुसार एनपीएस से ओल्ड पेंशन स्कीम में आने वाले कर्मचारियों को एनपीएस में दिया अपना कंट्रीब्यूशन पूरा मिलेगा, लेकिन राज्य सरकार का कंट्रीब्यूशन और उस पर कमाया गया डिविडेंड वापस लौटाना होगा. राज्य सरकार इसे अलग हेड में जमा करेगी, जो कर्मचारी एनपीएस में रिटायर हो गए हैं या जिनकी मृत्यु हो गई है, वह भी ओल्ड पेंशन के हकदार होंगे, लेकिन आवेदन करने से बाद के लिए. यानी इन्हें पिछली पेंशन या एरियर नहीं मिलेगा.
साथ ही इन्हें भी एनपीएस का गवर्नमेंट कंट्रीब्यूशन सरकार को वापस करना होगा. जानकारी के लिए बता दें, 15 मई, 2003 से 31 मार्च, 2023 तक रिटायर हो चुके एनपीएस कर्मचारियों के लिए हिमाचल प्रदेश सिविल सर्विसेस कंट्रीब्यूटरी पेंशन रूल्स 2006 में संशोधन किया गया है. ल इस संशोधन से एनपीएस में रिटायर हो चुके या मृत्यु को प्राप्त हो चुके कर्मचारियों के परिवारों को भी कुछ शर्तों के साथ ओल्ड पेंशन मिल जाएगी.
हिमाचल सरकार ने ओल्ड पेंशन लागू करने के फैसले को ऑप्शनल रखा है. यानी कर्मचारियों को इसके लिए 60 दिन के भीतर अपना विकल्प देना होगा. एक बार दिया हुआ विकल्प बदला नहीं जा सकेगा. इससे 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों को सीधे तौर पर राहत मिल गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार की पहली फुल कैबिनेट में ओल्ड पेंशन को लागू करने का फैसला हुआ था. इसके बाद 17 अप्रैल, 2023 को कार्यालय आदेश के जरिए राज्य सरकार ने एनपीएस कंट्रीब्यूशन को बंद कर दिया था.
अब ओल्ड पेंशन को पुराने फॉर्मेट में लागू करने के आदेश हो गए हैं. ओल्ड पेंशन की पात्रता के लिए 10 साल रेगुलर सर्विस की शर्त पहले की तरह लागू रहेगी. अब आपको बताते हैं कि ओल्ड पेंशन लागू कैसे होगी? इसके लिए कार्यालय आदेश के जरिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर अलग से जारी किए गए हैं. ओल्ड पेंशन में आने वाले कर्मचारी जनरल प्रोविडेंट फंड रूल्स 1960 के तहत आएंगे. संबंधित विभागों मुखिया अपने कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट खुलवाएंगे.
बता दें, पुरानी पेंशन बहाली की पर नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर, महासचिव भरत शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी वर्ग हमेशा मुख्यमंत्री का ऋणि रहेगा. वह सही मायनों में नायक हैं. यह एक ऐतिहासिक फैसला है और इस तरह का ऐतिहासिक फैसला लेने के लिए प्रदेश को सुक्खू जैसे मुख्यमंत्री की ही दरकार थी.
ओपीएस के लिए एनपीएस कर्मचारी, जो एनपीएस में ही रहना चाहते हैं, उन्हें नोटरी से सर्टिफाई कर अपने हेड ऑफ ऑफिस को 60 दिन में इसका ऑप्शन देना होगा. इनका एंप्लाई और एंप्लॉयर शेयर पीएफआरडीए को रिटायरमेंट तक जाता रहेगा. वहीं, एनपीएस कर्मचारी, जो ओल्ड पेंशन स्कीम में आना चाहते हैं, उन्हें भी 60 दिन के भीतर नोटरी से सर्टिफाई कर ऑप्शन देना होगा. एक बार दिया गया ऑप्शन बदला नहीं जाएगा. वहीं, ऐसे एनपीएस कर्मचारी, जो एनपीएस में ही रहना चाहते हैं और जिनका कंट्रीब्यूशन 17 अप्रैल 2023 को रोक दिया गया है, उसे राज्य सरकार दोबारा से शुरू कर देगी.