Himachal Latest News: डॉक्टर बनने का सपना लेकर गांव से निकली थी. आज बन गई बॉक्सिंग की विश्व चैंपियन. जानें क्या है ये पूरी कहानी...
Trending Photos
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के ननखड़ी तहसील अंतर्गत बड़ाच पंचायत के छोटे से गांव पनवेल की मोनिका नेगी ने हाल ही में पुलिस फायरस गेमज में इंडिया के लिए केनेडा में 81 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है. उनका अगला लक्ष्य है, एशियन एशियन गेम और उसके बाद ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है.
वह चाहती है कि आइटीबीपी छोड़ हिमाचल में किसी सरकारी विभाग में आकर सेवाएं दें और अपने प्रदेश के लिए राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेडल जीत कर लाएं. मोनिका नेगी ने बताया कि वह बचपन में डॉक्टर बनने का सपना लेकर आगे बड़ा थी. पढ़ाई में भी हमेशा अवल रहती थी और परिजनों व शिक्षकों को भी यही उम्मीद थी कि वह आगे डॉक्टर बनेगी, लेकिन जैसे ही रामपुर कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पहुंची, उसके बाद उन्हें यहां बॉक्सिंग खेल के लिए मंच मिला.
बॉक्सिंग का जुनून इस कदर चढ़ा कि वह डाक्टर बनने का सपना छोड़ बॉक्सिंग को अपना करियर मानते हुए आगे बढ़ने लगी. इस में उन के पिता का भी सकारात्मक सहयोग रहा. उसी का नतीजा है कि वर्ल्ड पुलिस गेम्ज में गोल्ड मेडल लेकर देश प्रदेश का नाम रोशन किया है.
आज अपने गृह क्षेत्र पहुंचने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उन का जोरदार स्वागत किया और उन्हें बधाई दी. रामपुर पहुंचने पर मिनी सचिवालय के समीप लोगों ने खासकर भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी एवं डीएसपी रामपुर शिवानी महला ने टोपी पहना कर उन का स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने प्राथमिक पाठशाला रामपुर में छोटे बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा ,यह एक ऐसी अवस्था है. जहां से सही दिशा दशा मिलती है.
उन्होंने कहा लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए और कठिन मेहनत और ईमानदारी के साथ बड़ों के आशीर्वाद से लगातार प्रयास करते रहें, मंजिल अपने आप कदमों को चूमेगी. इस दौरान बुशहर बॉक्सिंग क्लब ने भी उनका स्थानीय परिधि गृह में जोरदार स्वागत किया. मोनिका ने बताया कि आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शक के रूप में हमेशा परिवार का पूरा साथ मिलता रहा.
बाइट मोनिका नेगी ने बताया कि हाल ही में पुलिस एंड फायर गेम में इंडिया के लिए गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने बताया कि खेल का कैरियर रामपुर के गर्ल्स स्कूल से शुरू हुआ. उनके परिवार भी चाहते थे कि वह आगे बड़े इस के लिए पेरेंट्स से भी प्रेरणा मिली. उस के बाद उन्होंने कठिन परिश्रम और प्रिज्नो के मार्गदर्शन से आगे बढ़ना शुरू किया. उन्होंने बताया की खिलाड़ी का लक्ष्य होता है कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का सबसे बड़ा खेल ओलंपिक में नाम कमाए.
उन्होंने बताया फिलहाल वह पैरामिलेट्री फोरसिज यानी आईटीबीपी में है, लेकिन यहां प्रमोशन की संभावनाएं कम है. इसलिए वे हिमाचल आ कर किसी सरकारी विभाग में सेवाएं देना चाहती है और प्रदेश के लिए ढेर सारे मेडल लाना चाहती है. उन्होंने बताया कि युवाओं को किसी भी क्षेत्र में आगे लाने के लिए परिजनों को भी ध्यान रखना होगा.