Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में शिमला के रामपुर बुशहर में अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह और सांसद प्रतिभा सिंह ने लवी मेला मैदान का दौरा किया.
Trending Photos
बिश्वेशवर नेगी/रामपुर: शिमला के रामपुर बुशहर में अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए लोक निर्माण, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह और उनकी माता सांसद प्रतिभा सिंह ने लवी मेला मैदान का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने मेला मैदान में लगे विभिन्न स्टॉल्स का भी बारीकी से अवलोकन किया. मैदान में व्यापारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान व्यापारियों ने मेले के दौरान होने वाली समस्याओं से भी उन्हें अवगत कराया.
इस दौरान विक्रमादित्य सिंह और सांसद प्रतिभा सिंह ने मेला मैदान में मक्की की रोटी और साग का स्वाद लिया. उन्होंने इस दौरान लोगों से आह्वान किया कि अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले की पहचान को बरकरार रखना होगा. उन्होंने कहा कि इस मेले में स्थानीय उत्पादों और ऊनी वस्त्रों की पारंपरिकता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे लोगों को प्रोत्साहित करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी भी हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा को समझ सके.
ये भी पढ़ें- Adbhut Himachal: एक ऐसी रहस्यमयी गुफा जो एक समय पर देती थी घी और बर्तन
रामपुर का लवी मेला ऐतिहासिक है. इस मेले को उनके पूर्वजों ने ही यहां शुरू किया था और आज इसकी पहचान हिमाचल के साथ-साथ पूरे देश में है. पहले यहां मिडल ईस्ट और सेंट्रल एशिया से भी व्यापारी आते थे, लेकिन आज हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने से यहां व्यापारी आते हैं. हमें इस मेले की गरिमा को बनाए रखना है. इसमें अच्छा व्यापार हो, इसके लिए इसमें स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ रात्रि संध्याओं में आने वाले स्थानीय कलाकारों को महत्व देने की जरूरत है. यहां जो सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं उसमें भी पहाड़ी व स्थानीय कलाकारों को तवज्जो दी जा रही है, ताकि उन्हें मंच मिल सके.
ये भी देखें- Tourist Place: हिमाचल प्रदेश की इन जगहों पर जाकर होगा जन्नत का अहसास!
वहीं, सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि इस मेले के आयोजन में प्रशासन ने अच्छा प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि लवी मेला सदियों से चल रहा है. इस परंपरा को आगे भी बनाए रखना है. सांस्कृतिक संध्याओं की बात करें तो इस मेले के माध्यम से स्थानीय पहाड़ी कलाकारों को भी स्टेज पर आने का मौका मिलता है. इसके साथ ही हमारी संस्कृति और सभ्यता क्या है यह भी आने वाली पीढ़ियों को समझाने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा तैयार किए जा रहे ग्रामीण इलाकों के उत्पादों को बढ़ावा मिल सके, इस ओर भी ध्यान देना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसका ज्ञान हो सके.
WATCH LIVE TV