Crypto Currency Fraud: हिमाचल प्रदेश में हुआ सबसे बड़ा क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड, लोगों को हुआ 500 करोड़ रुपये का नुकसान
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Crypto Currency Fraud: हिमाचल प्रदेश में हुआ सबसे बड़ा क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड, लोगों को हुआ 500 करोड़ रुपये का नुकसान

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में बड़े स्कैम को अंजाम दिया जा रहा है. राज्य में क्रिप्टो करेंसी का झांसा देकर उन्हें लूटा जा रहा है. यह हिमाचल का सबसे बड़ा स्कैम है. 

Crypto Currency Fraud: हिमाचल प्रदेश में हुआ सबसे बड़ा क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड, लोगों को हुआ 500 करोड़ रुपये का नुकसान

संदीप सिंह/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के झांसे में आकर लोगों की मेहनत की कमाई के लगभग 500 करोड़ रुपये डूब गए हैं. नुकसान की राशि का आंकड़ा दो हजार करोड़ तक जा सकता है. हिमाचल के विभिन्न जिलों से लगातार क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी की शिकायतें मिल रही हैं. अब तक क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी की 350 से अधिक शिकायतें पुलिस को मिल चुकी हैं. 

जाली डिजिटल करेंसी बनाकर हिमाचल प्रदेश में एक ऐसे फ्रॉड नेटवर्क को अंजाम दिया गया है जो हिमाचल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा धोखाधड़ी का मामला है. छोटे से प्रदेश में हर तबके के लोगों को क्रिप्टो करेंसी इंवेस्टेमेंट में फंसाया गया, जिसमें उनकी जिंदगी भर की कमाई डूब गई. महज चार शातिरों के नेटवर्क ने हिमाचल के लाखों लोगों को चूना लगाया जो अब तक का हिमाचल का सबसे बड़ा और पहला धोखाधड़ी का मामला बन गया है.

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पहला मामला पालमपुर के पुलिस थाना में पंजीकृत हुआ, जैसे ही यह मामला प्रदेश की विधानसभा में उठा, हिमाचल प्रदेश सरकार ने 26 सितंबर, 2023 को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की स्थापना की. हिमाचल पुलिस की उत्तरी रेंज, धर्मशाला के डीआइजी अभिषेक दुल्लर के नेतृत्व में एसआईटी को जांच सौंपी गई. राज्य भर में विभिन्न क्रिप्टो करेंसी से संबंधित धोखाधड़ी के मामले अब SIT ही देख रही है.

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कांगड़ा जिले के पालमपुर पुलिस स्टेशन ने 24 सितंबर, 2023 को पहली शिकायत के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में आरोप लगाया गया कि कुछ लोगों का एक समूह, जिसमें सुभाष शर्मा (मंडी निवासी), हेमराज (मंडी निवासी), सुखदेव (मंडी निवासी), अभिषेक शर्मा (ऊना निवासी) और मिलन गर्ग (मेरठ निवासी) शामिल हैं जो क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने अधिक रिटर्न का वादा करते हुए लोगों को पर्याप्त रकम निवेश करने का झांसा दिया, जिसके परिणामस्वरूप शिकायतकर्ता और उसके सहयोगियों को 18 करोड़ रुपये का सामूहिक नुकसान हुआ.

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