Dharamshala Vidhansabha Seat: कौन हैं धर्मशाला विधानसभा सीट से BJP प्रत्याशी सुधीर शर्मा? जानें सीट का राजनीतिक समीकरण
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Dharamshala Vidhansabha Seat: कौन हैं धर्मशाला विधानसभा सीट से BJP प्रत्याशी सुधीर शर्मा? जानें सीट का राजनीतिक समीकरण

Himachal Pradesh Bypoll Election 2024: धर्मशाला विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी को जीत मिलती आई है. जानिए धर्मशाला विधानसभा सीट की डिटेल..

Dharamshala Vidhansabha Seat: कौन हैं धर्मशाला विधानसभा सीट से BJP प्रत्याशी सुधीर शर्मा? जानें सीट का राजनीतिक समीकरण

Dharamshala BJP Candidate Sudhir Sharma: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के साथ छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने जा रहे हैं. वहीं, काग्रेंस के बागी विधायक हाल में बीजेपी में शामिल हो हुए हैं.  भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए छह पूर्व विधायकों को टिकट दिया है. बता दें, सभी 6 विधायक साल 2022 के विधानसभा चुनाव (Himachal Vidhansbha Election News) में कांग्रेस के टिकट पर लड़कर जीते थे. ऐसे में इस खबर में हम आपको बताएंगे कांगड़ा जिले की धर्मशाला विधानसभा सीट का राजनीतिक समीकरण (Dharamshala Vidhansabha Seat) और भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा के बारे में.

धर्मशाला विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की काफी चर्चित सीट है. धर्मशाला विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में आती है. इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवारों को जीत मिलती रही है. इस सीट पर 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सुधीर शर्मा को जीत मिली थी. कुल 45.53 प्रतिशत वोट पड़े. सुधीर शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के राकेश चौधरी को 3,285 वोटों के मार्जिन से हराया था. हालांकि अब सुधीर शर्मा ने भाजपा का दामन थाम लिया है और इस सीट से बीजेपी के ओर से प्रत्याशी बने हैं. 

कौन हैं भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा?
पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा का जन्म दो अगस्त 1972 को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के पपरोला में हुआ है. सुधीर ने अपने सियासी करियर की शुरुआत कॉलेज टाइम से की. 1991 में वह एनएसयू आई में रहे. साल 2003 में सुधीर शर्मा ने बैजनाथ से पहली बार चुनाव लड़ा और जीता भी. इसके बाद, 2007 में भी इस सीट पर जीत हासिल की. इसके बाद साल 2012 में धर्मशाला सीट से जीते और वीरभद्र सरकार में मंत्री बने. 

वहीं, 2017 के चुनाव में वह धर्मशाला से हार गए. उनके पिता पंडित संत राम वीरभद्र सिंह कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य रहे थे. पिता पंडित संत राम के बाद सुधीर शर्मा ने भी वीरभद्र सिंह की कैबिनेट में काम किया था, लेकिन फिर 2022 विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर लड़कर जीत हासिल की. हालांकि, मंत्री ना बनाने की वजह उन्होंने पहले तो राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की. उसके बाद भाजपा का दामन थाम लिया. 

वहीं, इस राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग से लेकर बीजेपी शामिल होने तक सभी 6 बागी विधायक अपने क्षेत्र से दूर रह रहे थे. ऐसे में कल यानी गुरुवार को सुधीर शर्मा ने मां चामुंडा के दर्शन किए. इस दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र प्रभारी विपिन सिंह परमार सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया.  

करीब एक माह बाद धर्मशाला पहुंचे भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा का अभिनंदन समारोह में गला रुंध गया और आंखें छलक पड़ी. उन्होंने कहा कि सीएम ने कहा था कि बिकाऊ है, लेकिन सुधीर बिकाऊ नहीं है. सुधीर शर्मा ने जनता को कहा कि आपको याद होगा इसी जोरावर मैदान में सीएम ने मेरा हाथ झटका था. सुधीर ने कहा कि वह अपनी मां से पूछकर ही भाजपा में गए हैं. मेरी मां ने कहा था कि यह कांग्रेस तेरे पिता वाली कांग्रेस नहीं रही. 

इसक अलावा उन्होंने कहा कि अभी तक 9 विधायक भाजपा में आए हैं. इसके अलावा और भी आने को तैयार हैं, जिन्हें सिक्योरिटी दी गई है. 20-20 लोग आगे-पीछे लगा रखे हैं.

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