Minimally Invasive Heart Surgery: क्या है मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी, क्यों युवाओं में ट्रेंड हो रहा ये सर्जरी का तरीका
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Minimally Invasive Heart Surgery: क्या है मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी, क्यों युवाओं में ट्रेंड हो रहा ये सर्जरी का तरीका

Minimally Invasive Heart Surgery: मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी में सीने में छोटे-छोटे कट यानी चीरा लगाया जाता है. इससे सर्जन पसलियों के बीच में जाकर दिल तक सर्जरी करने के लिए आसानी से पहुंच पाते हैं. सर्जन ओपन-हार्ट सर्जरी में काटी जाने वाली स्तन की हड्डी को इस सर्जरी में नहीं काटता है.

 

Minimally Invasive Heart Surgery: क्या है मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी, क्यों युवाओं में ट्रेंड हो रहा ये सर्जरी का तरीका

Minimally Invasive Heart Surgery: कार्डियक सर्जन डॉ. हरिंदर सिंह बेदी ने ज़ी मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी हर किसी मरीज में नहीं की जा सकती है. सर्जरी करने का तरीका मरीज की आयु, सेहत और इच्छा पर निर्भर करता है. यदि मरीज 80 से 90 वर्ष की उम्र का है तो मिनिमली इनवेसिव सर्जरी करना लाभदायक होता है. यह सर्जरी खासतौर तौर पर युवाओं में की जाती है, क्योंकि उनकी सहनशक्ति बुजुर्गों के मुकाबले अधिक होती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक युवा महिला मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी को ज्यादा प्राथमिकता देती हैं.

मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी(Minimally Invasive Heart Surgery) के प्रकार 
-थोरैकोस्कोपिक सर्जरी(Thoracoscopic surgery)
-रोबोट-सहायता हृदय सर्जरी(Robot-assisted heart surgery)

मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी में ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में कई फायदे होते हैं. जैसे कि
-खून की हानि कम होना .
-संक्रमण के फैलने का खतरा कम होता है.
-ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में कम दर्द होता है.
-वेंटिलेटर(सांस लेने की नली) की भी कम समय के लिए आवश्यकता होती है.
-अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है.
-इसमें रिकवरी जल्दी होती है और जीवन की सामान्य गतिविधियों पर भी जल्दी वापसी हो जाती है.
-इस सर्जरी में सबसे अहम फायदा छोटे निशान होना है. इसमें कट(चीरा) छोटा लगता है, जिसका निशान भी छोटा ही रहता है.

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डॉ बेदी ने यह भी बताया कि मिनिमली इनवेसिव हृदय सर्जरी(Minimally Invasive Heart Surgery) करने के लिए सर्जन का प्रशिक्षित(trained) होना अति आवश्यक है. सर्जन को कम से कम दो साल का इनवेसिव या रोबोटिक हृदय सर्जरी में अनुभव होना चाहिए. मरीज को सर्जरी करवाने से पहले अपने सर्जन से सारी बातों को स्पष्ट रूप में कर लेना चाहिए, ताकि बाद में उन्हें सर्जरी को लेकर कोई संदेह या भ्रम ना हो.

मिनिमली इनवेसिव हार्ट सर्जरी का ख़तरा लगभग ओपन-हार्ट सर्जरी के समान ही होते हैं, क्योंकि इसमें भी..
-सर्जरी में खून का बहाव होता है.
-इसमें दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा होता है.
-ओपन-हार्ट सर्जरी की तरह इसमें भी संक्रमण का खतरा हो सकता है.
-हृदय गति भी अनियमित हो सकती है, जिसे एरिथमियास कहा जाता है.
-हार्ट स्ट्रोक का भी खतरा हो सकता है.
-मिनिमली इनवेसिव हार्ट सर्जरी में ओपन-हार्ट सर्जरी की तरह मौत का खतरा भी रहता है.

आपको बता दें, यह कोरोनरी हृदय रोग के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक सर्जिकल प्रक्रिया है. यह हृदय में ऑक्सीजन की आपूर्ति और रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए प्रमुख धमनियों(arteries) के बंद या संकुचित हिस्सों के आसपास रक्त को मोड़ने में मदद करता है.

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