China news: लाखों चीनी महिलाओं ने देश में उपलब्ध सैनिटरी पैड की क्वालिटी और घटते साइज के खिलाफ एक बड़ा सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया है. तथाकथित 'सैनिटरी पैड स्कैंडल' को लेकर चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे वीबो, रेड और डॉयिन पर चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही है. इससे जुड़े कुछ वीडियोज पर 200 मिलियन से अधिक व्यूज आ चुके हैं.
पिछले महीने से कई नारीवादी कार्यकर्ताओं ने चीन में प्रमुख सैनिटरी पैड ब्रांडों पर आरोप लगाया है कि वे लागत कम करने और अधिक लाभ कमाने के लिए सैनिटरी नैपकिन की लंबाई के नियमों में 'खामियों का फायदा उठा रहे हैं.'
नारीवादी कार्यकर्ताओं के गुस्से की सीमा तब नहीं रही जब कुछ प्रमुख मैन्युफैक्चरर ने 'पसंद आए तो खरीदें' वाला बयान दिया. जिसके बाद कंज्यूमर ने सोशल मीडिया पर उनके प्रोडक्ट के पूर्ण बहिष्कार की अपील की.
महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा
चीन की कम्युनिस्ट यूथ लीग के आधिकारिक समाचार पत्र 'चाइना यूथ डेली' ने बताया कि, 'सैनिटरी नैपकिन का क्वालिटी कंट्रोल सीधे तौर पर महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. महिला कंज्यूमर की सुरक्षा और क्वालिटी से जुड़ी मांगों को तभी प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सकता है, जब उन पर ध्यान दिया जाए और उन्हें अधिक उठाया जाए.'
सरकारी मीडिया सैनिटरी नैपकिन मैन्युफैक्चरर से कंज्यूमर एक्सपीरियंस में व्यापक सुधार करने और क्वालिटी कंट्रोल पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की अपील कर रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि नवीनतम मुद्दा पिछले कई दशकों से महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने में बीजिंग की नाकामी को उजागर करता है.
अतीत में, चीनी सोशल जस्टिस कैंपेनर्स को मीटू जैसे विभिन्न आंदोलनों में भाग लेने और यौन हिंसा से बचे लोगों की मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया था और उन पर मुकदमा चलाया गया था. दो साल पहले, चीन के सरकारी स्वामित्व वाले रेल ऑपरेटर की इस बात के लिए कड़ी आलोचना हुई थी कि उसने ट्रेनों में सैनिटरी पैड उपलब्ध नहीं कराए थे.
स्त्री केयर प्रोडेक्ट पर भरोसा नहीं
रेडियो फ्री एशिया ने सोमवार को बताया कि, 'चीन में 15 से 49 वर्ष की आयु की 340 मिलियन से अधिक महिलाएं सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं और ऐसे प्रोडक्ट की बिक्री लगभग 98 बिलियन युआन या 13.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की है. फिर भी मुख्य भूमि की कई चीनी महिलाएं चीन में बने स्त्री केयर प्रोडेक्ट पर भरोसा नहीं करती हैं.'
दिलचस्प बात यह है कि चीन मार्च, 2025 में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण पर वैश्विक नेताओं की बैठक की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है.
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