ढाका: बांग्लादेश के सूचना प्रसारण मंत्री डॉक्टर हसन महमूद ने भारत में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के मामले में कानूनी कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को बधाई दी है. मंत्री डॉक्टर हसन महमूद ने कहा कि पैगंबर के खिलाफ किसी भी तरह के बयान की निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और उम्मीद जताई कि इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी.
मंत्री ने दिया ये बयान
भारत से आए पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में महमूद ने कहा, ''पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कहीं भी कुछ होता है तो उसकी निंदा की जानी चाहिए, साथ ही हम भारत सरकार को बधाई देते हैं कि उसने उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जिन्होंने पैगंबर पर टिप्पणी की थी.''
अरब समेत अन्य देशों की तरह बांग्लादेश सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर इस मामले में निंदा नहीं किए जाने के संदर्भ में महमूद ने इसे अपने देश के लिए बाहरी मामला बताया. उन्होंने कहा, ‘‘पहली बात तो यह है कि यह आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि एक बाहरी मामला है. यह भारत का आंतरिक मामला है. दुनिया में कहीं भी कुछ होता है तो कुछ इस्लामी पार्टियां यहां प्रदर्शन करती हैं और ऐसा आमतौर पर होता है.’’
'ध्यान खींचने वाला मुद्दा नहीं'
महमूद ने कहा कि लेकिन यहां बांग्लादेश में यह उस तरह का ध्यान खींचने वाला मुद्दा नहीं है, जिस तरह यह अरब देशों, पाकिस्तान और मलेशिया के लिए है. कट्टरपंथी तत्वों द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार पर इस मामले में समझौता करने का आरोप लगाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी के मामले में बांग्लादेश सरकार कोई समझौता नहीं कर रही है और न ही कभी करेगी. मैंने खुद इसकी निंदा की है. सार्वजनिक बैठक में इस मामले में निंदा की.''
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने पैगंबर पर टिप्पणी के मामले में भाजपा की निलंबित नेता नुपुर शर्मा और पार्टी से निष्कासित नवीन कुमार जिंदल समेत कुछ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. महमूद ने कहा कि बांग्लादेश में कुछ 'फैनेटिक' (कट्टर) समूह हैं जो संख्या में बेहद कम होने और किसी तरह का समर्थन हासिल नहीं होने के बावजूद जोरदार तरीके से आवाज उठाते हैं.
'मकसद सिर्फ गलत छवि पेश करना'
उन्होंने कहा कि कई बार इनकी कही बात भारत में मीडिया का ध्यान खींचने में कामयाब रहती है और ऐसा ही कुछ यहां बांग्लादेश में भी होता है. बांग्लादेश के मंत्री ने कहा कि इसी तरह भारत में नेताओं द्वारा घरेलू राजनीति के चलते बांग्लादेश और इसके लोगों के खिलाफ दिए गए बयान यहां सुर्खियां पा जाते हैं.
मंत्री ने कहा कि भारत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र या अहमदाबाद के किसी दूरदराज इलाके में किसी नेता का बयान यहां कई बार सुर्खियां बन जाता है. उन्होंने कहा कि यहां कुछ समाचार पोर्टल उसे ऐसे प्रदर्शित करते हैं कि वह मुद्दा बन जाए. उन्होंने कहा कि कई दोयम दर्जे के अखबार भी इसमें उनका साथ देते हैं जिनका मकसद सिर्फ गलत छवि पेश करना होता है.
'भारत के साथ बेहद प्रगाढ़ संबंध'
पिछले दिनों भारत के गृहमंत्री द्वारा बांग्लादेश के लोगों के लिए की गयी एक टिप्पणी के संदर्भ में महमूद ने कहा कि घरेलू राजनीति के चलते ऐसे बयान दिए जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे भारत के साथ बेहद प्रगाढ़ संबंध हैं और हम यह समझते हैं आंतरिक राजनीति के कारण नेता कई तरह की बातें कहते हैं. ऐसे भाषणों को लेकर हम किसी तरह की सफाई की अपेक्षा नहीं रखते.’’
महमूद ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते कितने गहरे हैं, इसका एक उदाहरण है कि महामारी के समय में भारत सरकार ने ढाका को 110 एंबुलेंस उपलब्ध कराईं. महमूद ने दावा किया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने बहुत विकास किया है और उसकी प्रगति उल्लेखनीय है. उन्होंने कहा कि सामाजिक, आर्थिक और मानव सूचकांक के मामले में बांग्लादेश की स्थिति पाकिस्तान से कहीं बेहतर है.
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