नई दिल्लीः पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने रविवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार को चेतावनी दी कि अगर अगले आम चुनाव की तारीखों की घोषणा 20 दिसंबर तक नहीं की गई, तो वह पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की विधानसभाओं को भंग कर देगी.
सत्तारूढ़ गठबंधन पर साधा निशाना
पूर्व सूचना मंत्री और इमरान की पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘आयातित सरकार के नेता चुनाव नहीं चाहते हैं और उन्हें पता नहीं है कि देश कैसे चलाना है.’ उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि देश के मामलों को मंत्रियों की नियुक्ति और विदेश यात्राओं से नहीं चलाया जाता है.
'20 दिसंबर तक चुनाव का फॉर्मूला लाएं'
चौधरी ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) 20 दिसंबर तक आम चुनाव कराने का फॉर्मूला नहीं लाता है, तो पंजाब और केपी विधानसभाएं भंग कर दी जाएंगी.’ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट या पीडीएम वर्तमान में देश पर शासन कर रहे राजनीतिक दलों का एक गठबंधन है. खान की पार्टी पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तथा गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांतों में सत्ता में है.
'पाक को चाहिए राजनीतिक स्थिरता'
चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को राजनीतिक स्थिरता चाहिए, जो बिना स्थिर सरकार के संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि दोनों प्रांतों में आम चुनाव की प्रक्रिया 20 मार्च तक पूरी कर ली जाए और पार्टी को इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों पर पूरा भरोसा है. इससे पहले चौधरी ने कहा था कि पंजाब के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही ने प्रांतीय विधानसभाओं को भंग करने की तारीखें बढ़ाने का सुझाव दिया था. इलाही ने पांच दिसंबर को कहा था कि उन्हें अगले चार महीनों में चुनाव होते नहीं दिख रहे हैं.
'अक्टूबर के चुनाव में देरी हो सकती है'
एक निजी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, ‘चुनाव चार महीने से पहले नहीं हो सकते हैं, संघीय और प्रांतीय सरकारों को काम करने के लिए समय चाहिए और अगले साल अक्टूबर के बाद भी चुनाव में देरी हो सकती है.’ शुक्रवार को पीएमएल-एन ने खान को बिना किसी देरी के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा विधानसभाओं को भंग करने की चुनौती देते हुए कहा कि संघीय सरकार 90 दिनों में दोनों प्रांतों में चुनाव कराने के लिए तैयार है.
इस महीने की शुरुआत में खान ने चेतावनी दी थी कि अगर प्रधानमंत्री शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार बातचीत के लिए नहीं है और आम चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं करती है तो वह पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में विधानसभाओं को भंग कर देंगे.
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