पाकिस्तान की सैन्य अदालतों में नागरिकों पर चलाया जाएगा मुकदमा, शरीफ सरकार ने दी मंजूरी

पाकिस्तान सरकार ने नागरिकों पर सैन्य अदालतों में केस चलाने को मंजूरी दे दी है. इसमें फैसला किया गया है कि नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ करने वाले प्रदर्शनकारियों पर सेना राज अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 20, 2023, 01:58 PM IST
  • नागरिकों पर सैन्य अदालतों में केस चलाने को मंजूरी
  • पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने लिया फैसला
पाकिस्तान की सैन्य अदालतों में नागरिकों पर चलाया जाएगा मुकदमा, शरीफ सरकार ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: पाकिस्तान संघीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) में लिए गए फैसलों को मंजूरी दे दी है. इसमें फैसला किया गया है कि नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ करने वाले प्रदर्शनकारियों पर सेना राज अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.

शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान मंत्री हाउस में प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनएससी और कोर कमांडरों के सम्मेलन के कुछ ही दिनों बाद सैन्य अदालतों में नागरिकों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई.
9 मई को अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के परिसर से गिरफ्तार किए जाने के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ.

प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ की और यहां तक कि रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय और लाहौर कोर कमांडर के आवास पर भी हमला किया. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, दंगे के बाद पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, जो अब भी जारी है.

शरीफ सरकार के मंत्री ने किया ये दावा
एक प्रमुख कैबिनेट मंत्री ने गुमनामी का अनुरोध करते हुए द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि कोई नई सैन्य अदालत स्थापित नहीं की जाएगी, यह कहते हुए कि अभियुक्तों को विशेष स्थायी अदालतों में पेश किया जाएगा, जो पहले से ही सैन्य अधिनियम के तहत काम कर रहे हैं. हालांकि, प्रसिद्ध वकील और सेना से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ, कर्नल (सेवानिवृत्त) इनामुर रहीम ने कहा कि रक्षा मंत्रालय या सेनाध्यक्ष (सीओएएस) को विशेष स्थायी अदालतों की स्थापना या पुनरुद्धार के लिए औपचारिक रूप से एक अधिसूचना जारी करनी होगी.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक रहीम ने कहा, संघीय सरकार ने पहले ही सेना प्रमुख को विशेष स्थायी अदालतें गठित करने के लिए किसी भी फॉर्मेशन कमांडर को वारंट जारी करने या यहां तक कि वारंट जारी करने का अधिकार दे दिया है. एक बार विशेष स्थायी अदालतें स्थापित हो जाने के बाद, उन्होंने कहा, वे पूरे साल एक शहर या विभिन्न शहरों में काम कर सकते हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)

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