उत्तर कोरिया ने लॉन्च किया दो बैलेस्टिक मिलाइल, जानें क्या है इसके पीछे का मकसद

उत्तर कोरिया ने कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च किया है. उत्तर कोरिया का हथियारों का परीक्षण और अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास दर्शाता है कि दोनों में से कोई झुकने को तैयार नहीं है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 27, 2023, 02:35 PM IST
  • झुकने को तैयार नहीं है उत्तर कोरिया
  • दो बैलिस्टिक मिसाइल को किया लॉन्च
उत्तर कोरिया ने लॉन्च किया दो बैलेस्टिक मिलाइल, जानें क्या है इसके पीछे का मकसद

नई दिल्ली: उत्तर कोरिया ने सोमवार को अपने पूर्वी समुद्री क्षेत्र में दो कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया. इस महीने किया गया यह सातवां मिसाइल परीक्षण क्षेत्र में बढ़ते तनाव को रेखांकित करता है क्योंकि उत्तर कोरिया का हथियारों का परीक्षण और अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास दर्शाता है कि दोनों में से कोई झुकने को तैयार नहीं है.

उत्तर कोरिया ने क्यों लॉन्च की बैलेस्टिक मिसाइल?
उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल प्रक्षेपण ऐसे समय में किया, जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए यूएसएस निमित्ज और उसके लड़ाकू समूह को पड़ोसी जलक्षेत्र ले जा रहे हैं. दक्षिण कोरियाई नौसेना के प्रवक्ता जांग दो यंग ने कहा कि अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त परिचालन क्षमताओं को तेज करना और उत्तर कोरिया के 'बढ़ते परमाणु तथा मिसाइल खतरों' के सामने परमाणु सहित अन्य विकल्पों के साथ अपने सहयोगी की रक्षा के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को दर्शाना है.

‘निमित्ज स्ट्राइक ग्रुप’ के मंगलवार को दक्षिण कोरिया के बुसान पहुंचने की उम्मीद है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास को उत्तर कोरिया युद्ध के लिए पूर्वाभ्यास करार देता है, जबकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया इन सैन्य अभ्यासों को रक्षात्मक उपायों को बढ़ाने की कवायद कहते हैं.

सुबह करीब 8 बजे दागा गया ये मिसाइल
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि दोनों मिसाइलों को उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के दक्षिण में एक पश्चिमी अंतर्देशीय क्षेत्र से सुबह करीब सात बजकर 47 मिनट से सुबह आठ बजे के बीच दागा गया. समुद्र में गिरने से पहले उसने करीब 370 किलोमीटर की दूरी तय की. उत्तर कोरिया के पास समान विशेषताओं वाली एक अन्य लघु-श्रेणी प्रणाली भी है जो यूएस एमजीएम-140 आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम से मिलती जुलती है.

जापान की सेना बताया कि मिसाइलों ने उड़ान भरी और जापान के आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरने से पहले वे 50 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच गई थीं. उत्तर कोरिया के पास समान विशेषताओं वाली एक अन्य लघु-श्रेणी प्रणाली भी है जो यूएस एमजीएम-140 आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम से मिलती जुलती है. जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजु मात्सुनो ने कहा कि उत्तर कोरिया परीक्षण और बढ़ा सकता है. साथ ही 2017 के बाद अपना पहला मिसाइल प्रक्षेपण भी कर सकता है.

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