मिस्टर खोपड़ी से मिलिए, इनके सिर पर है सींग और लोग कहते हैं शैतान

  Mr Skullface: जर्मनी के ब्रैंडेनबर्ग के रहने वाले सैंड्रो डाहल्के को उनके उपनाम 'मिस्टर स्कलफेस' से जाना जाता है क्योंकि देखने में वे बिल्कुल मानव खोपड़ी की तरह लगते हैं. उन्होंने अपने शरीर को टैटू और सर्जरी के जरिए पूरी तरह बदल लिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 2, 2022, 10:42 AM IST
  • सैंड्रो डाहल्के को कई लोग शैतान समझते हैं
  • 41 वर्षीय के सिर में छह बॉल इम्प्लांट हैं
मिस्टर खोपड़ी से मिलिए, इनके सिर पर है सींग और लोग कहते हैं शैतान

लंदन:  Mr Skullface: जर्मनी के ब्रैंडेनबर्ग के रहने वाले सैंड्रो डाहल्के को उनके उपनाम 'मिस्टर स्कलफेस' से जाना जाता है क्योंकि देखने में वे बिल्कुल मानव खोपड़ी की तरह लगते हैं. उन्होंने अपने शरीर को टैटू और सर्जरी के जरिए पूरी तरह बदल लिया है. इसके लिए उन्होंने आठ हजार पाउंड यानी करीब आठ लाख रुपये खर्च किए हैं. 

लोग कहते हैं शैतानवादी
सैंड्रो डाहल्के ने अपने टिकटॉक अकाउंट @mr.skullface666 के जरिए अपनी जीवन यात्रा साझा की है. वह कहते हैं कि लोगों ने उनके चरम लुक के कारण उन पर एक शैतानवादी होने का आरोप लगाया है.

खुद के लिए बदलवाया चेहरा
सैंड्रो, जिनकी आंखें मर चुकी हैं और उनके माथे में सींग लगाए गए हैं, का कहना है कि संशोधन सिर्फ उनके लिए हैं क्योंकि वह अपने लुक को इस तरह पसंद करते हैं. उनके बाएं हाथ पर एक सिलिकॉन मकड़ी और अपने दाहिने तरफ एक सिलिकॉन घोड़े का टैटू है. शरीर पर कुल 40 टैटू हैं.

सिर में छह बॉल
41 वर्षीय के सिर में छह बॉल इम्प्लांट हैं, जो ऊपर की तस्वीर में दिखाई दे रहा है. उनके शरीर में अनगिनत बदलाव हुए हैं, जिनमें कान निकालना, पेंटाग्राम से खुद को ब्रांडिंग करना और सिर में छह गेंदें लगाना शामिल है. उनके पास 13 पियर्सिंग (शरीर में किए गए छेद) भी हैं. एक विभाजित जीभ है. खोपड़ी जैसा दिखने के लिए उन्होंने अपनी आंखों के आसपास टैटू भी बनवाया है.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक सैंड्रो ने बताया, 'कई लोग सोचते हैं कि ऐसा इसलिए था क्योंकि मैं नए आधुनिक शैतानवाद से संबंधित था और यह एक प्रकार की पूजा थी, लेकिन ऐसा नहीं है. सैंड्रो को लोगों द्वारा सार्वजनिक रूप से घूरने और ऑनलाइन उनके रूप के बारे में टिप्पणी करने की आदत पड़ चुकी है.

उन्होंने कहा: 'सार्वजनिक क्षेत्र में, वे मेरे शारीरिक संशोधन देखे जाते हैं. शायद इसलिए कि बहुत से लोग डरते हैं कि मैं पागल हो सकता हूं या कुछ और.'

क्या कहते हैं सोशल मीडिया यूजर्स
'जब तक आप किसी को चोट नहीं पहुँचाते या परेशान नहीं करते, तब तक हर कोई अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र है. जब तक यह कानून के भीतर है, 'एक उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की. किसी और को जोड़ा, 'आंखें वाकई कमाल की हैं.  किसी और ने टिप्पणी की, 'मैं आपको वैसे ही महान पाता हूं जैसे आप हैं.

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