नई दिल्लीः दुनियाभर में नेताओं और सरकारों को तरह-तरह के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ता है. सत्ता के प्रति अपनी नाराजगी जताने और उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रदर्शन किए जाते हैं. कोई शांतिपूर्वक प्रदर्शन होता है तो कोई हिंसक. कई बार नग्न होकर भी प्रदर्शन किया जाता है.
ईंधन के बढ़ते दाम से नाराज थीं महिलाएं
ताजा मामले में जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज (Olaf Scholz) के सामने दो महिलाओं ने टॉपलेस होकर प्रदर्शन किया. वे ईंधन के बढ़ते दाम से नाराजगी जताने के लिए इस तरह जर्मन चांसलर के सामने आईं. उन्होंने अपने शरीर पर 'GAS EMBARGO NOW' लिखा था यानी गैस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाए. हालांकि, उनकी सिक्यॉरिटी टीम ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया.
रविवार को जब यह घटना हुई उस दौरान स्कॉल्ज संघीय सरकार के ओपन डे कार्यक्रम में बोल रहे थे.
जर्मन चांसलर से नाखुश हैं दो तिहाई लोग
बता दें कि हाल ही में एक सर्वे हुआ था, जिसमें यह सामने आया था कि दो तिहाई जर्मन ओलाफ स्कॉल्ज की कार्यशैली से नाखुश हैं. सिर्फ 25 प्रतिशत लोग स्कॉल्ज के काम से खुश हैं. जब से वह सत्ता में आए हैं, तब से उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध, बढ़ती महंगाई और सूखे का सामना करना पड़ा है. ये सभी फैक्टर यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी को मंदी की कगार पर धकेल रहे हैं.
आलोचकों का कहना है कि स्कॉल्ज पर पर्याप्त नेतृत्व न दिखाने का आरोप लगाया है.
यूक्रेन एक संगठन की महिलाओं ने भी किया था प्रदर्शन
याद रहे कि बीते 6 मार्च को यूक्रेन के संगठन Femen की 50 लड़कियों ने एफिल टावर पर टॉपलेस होकर प्रदर्शन किया था. इस ग्रुप की महिलाओं ने अपनी छाती पर 'Peace For Ukraine' 'Stop Putin's War' लिखवाकर प्रदर्शन किया. इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को साल 2013 में इस तरह के नग्न प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था.
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