Manmohan Singh Death: 92 साल में दुनिया छोड़ गए मनमोहन सिंह, क्या था उनकी प्रतिष्ठित नीली पगड़ी के पीछे का रहस्य?

Manmohan Singh Blue Turban Secret: मनमोहन सिंह जिनका 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया, वह अपनी नीली पगड़ी के लिए जाने जाते थे. जिसे वे कैम्ब्रिज में बिताए अपने समय से जोड़ते थे.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 27, 2024, 12:42 PM IST
  • ब्लू टर्बन था निकनेम
  • मनमोहन सिंह की समृद्ध विरासत
Manmohan Singh Death: 92 साल में दुनिया छोड़ गए मनमोहन सिंह, क्या था उनकी प्रतिष्ठित नीली पगड़ी के पीछे का रहस्य?

Manmohan Singh Secret: आधुनिक भारत की अर्थव्यवस्था के निर्माता माने जाने वाले मनमोहन सिंह ज्यादातर नीली पगड़ी पहने नजर आते थे और उनसे अक्सर नीली पगड़ी के बारे में सवाल पूछे जाते थे. गुरुवार रात को दुनिया छोड़ गए पूर्व प्रधानमंत्री ने एक बार अपने भाषण के दौरान अपनी प्रतिष्ठित पगड़ी के पीछे का रहस्य उजागर किया था. सिंह ने बताया था कि नीली पगड़ी उनके अल्मा मेटर, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के लिए एक संकेत थी.

वर्ष 2006 में कानून की डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित होने के अवसर पर सिंह ने यह बताया कि हल्का नीला रंग उनके पसंदीदा रंगों में से एक है तथा यह उनके कैम्ब्रिज में बिताए यादगार दिनों की याद दिलाता है.

बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम हुआ. इसमें प्रिंस फिलिप ने सिंह की विशिष्ट नीली पगड़ी की ओर ध्यान आकर्षित किया. ड्यूक ने कहा, 'उनकी पगड़ी का रंग देखिए,' जिसके बाद वहां मौजूद भीड़ ने तालियां बजाईं. इसी समय सिंह ने इस रंग के साथ अपने निजी जुड़ाव को साझा किया, उन्होंने बताया कि हल्का नीला रंग उनके पसंदीदा रंगों में से एक है और वर्षों से अक्सर उनके सिर पर सजा हुआ है.

सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा, 'नीला रंग मेरे पसंदीदा रंगों में से एक है और अक्सर मेरे सिर पर दिखता है.' उन्होंने इस रंग के प्रति अपने लगाव का जिक्र किया जो उनका ट्रेडमार्क बन गया है.

ब्लू टर्बन था निकनेम
पूर्व प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी विचार किया कि कैसे कैम्ब्रिज में उनके समय के दौरान उनके साथियों ने उन्हें प्यार से 'नीली पगड़ी' उपनाम दिया था. सिंह ने कैम्ब्रिज में अपने शिक्षकों और साथियों को खुले विचारों, निडरता और बौद्धिक जिज्ञासा के मूल्यों को उनमें भरने का श्रेय दिया. उन्होंने विशेष रूप से निकोलस कलडोर, जोन रॉबिन्सन और अमर्त्य सेन जैसे उल्लेखनीय अर्थशास्त्रियों का उल्लेख किया, जिनके साथ उन्हें कैम्ब्रिज में अपने समय के दौरान जुड़ने का सौभाग्य मिला.

जैसे ही सिंह ने अपना भाषण समाप्त किया, दर्शकों ने तालियां बजाईं और उन्होंने एक बार फिर खड़े होकर अपने प्रिय विश्वविद्यालय से मिली मान्यता को स्वीकार किया.

मनमोहन सिंह की समृद्ध विरासत
पूर्व प्रधानमंत्री का गुरुवार रात नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. घर पर उन्हें अचानक बेहोशी आ गई जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स ले जाया गया.

पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा.

भारत का नेतृत्व करने वाले पहले सिख सिंह 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे और दो कार्यकाल पूरे किए. उन्हें भारत को अभूतपूर्व आर्थिक विकास की ओर ले जाने और करोड़ों लोगों को भयंकर गरीबी से बाहर निकालने का श्रेय दिया जाता है.

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