'अपराधी के साथ शालीन भी था चार्ल्स शोभराज', वकील-जेलर-डॉक्टर क्यों कर रहे बिकनी किलर की तारीफ

चार्ल्स शोभराज को रिहा कर दिया गया है. नेपाली अधिकारियों ने शुक्रवार को उसे पेरिस रवाना कर दिया. शोभराज के करीब आए लोगों ने बताया कि शोभराज से बातचीत के दौरान उन्हें उसका अलग स्वरूप देखने को मिला. काठमांडू जेल के एक सेवानिवृत्त जेलर ने बताया कि उन्हें शोभराज एक सभ्य और विद्वान व्यक्ति लगा.सेंट्रल जेल के जेलर ईश्वरी प्रसाद पांडेय ने बताया कि शोभराज एक अच्छा इंसान था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 25, 2022, 11:05 AM IST
  • सेंट्रल जेल के जेलर ने बताया कि शोभराज अच्छा इंसान था
  • डॉ रमेश ने उसके दिल की सर्जरी की थी, बाद में किताब लिखी
'अपराधी के साथ शालीन भी था चार्ल्स शोभराज', वकील-जेलर-डॉक्टर क्यों कर रहे बिकनी किलर की तारीफ

काठमांडू. कई हत्याओं के दोषी कुख्यात अपराधी चार्ल्स शोभराज (78) को रिहा कर दिया गया है. उसे 'द सर्पेंट' और 'बिकनी किलर' के नाम से भी जाना जाता है. शोभराज ने काठमांडू जेल में 19 साल बिताए हैं. नेपाली अधिकारियों ने शुक्रवार को उसे पेरिस रवाना कर दिया.

रिहाई का आधार
बुधवार को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य और उम्र के आधार पर शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया था. उम्र और स्वास्थ्य कारणों से रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया था. शोभराज की 2017 में काठमांडू में दिल की सर्जरी हुई थी और मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी हुआ था.

लोगों ने बताया कैसा था शोभराज
हाल के दिनों में शोभराज के करीब आए लोगों ने बताया कि शोभराज से बातचीत के दौरान उन्हें उसका अलग स्वरूप देखने को मिला. चार्ल्स शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटि चिंतन के अनुसार, चार्ल्स फ्रांस पहुंच चुका है और क्रिसमस से पहले रिलीज होने से खुश है. चिंतन के मुताबिक शोभराज एक विद्वान व्यक्ति लग रहा था. मैं कभी नहीं समझ पाया कि इस आदमी ने इतने लोगों को कैसे मार डाला. वह कम बोलता था और मैंने उसे एक अच्छा इंसान पाया. शोभराज ने फ्रांस में एक महिला वकील के जरिए शनिवार को चिंतन को संदेश भिजवाया कि वह सकुशल पेरिस पहुंच गया है.

परिवास के साथ मनाएगा क्रिसमस
एक वरिष्ठ नेपाली अधिकारी ने बताया, शोभराज को अतिरिक्त 10-15 दिनों के लिए सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं था, जिसके लिए उन्हें निर्वासित कर दिया गया.जब सरकार के फैसले की जानकारी शोभराज को दी गई तो वह भी खुश हुआ. चिंतन ने कहा, जब हमने उस शुक्रवार को ही सरकार के निर्वासन के फैसले के बारे में बताया, तो शोभराज खुश था.
शोभराज ने चिंतन से कहा, मैं अब जाने से ज्यादा खुश हूं. मैं प्रेस और मीडिया से बचना चाहता हूं और शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहता हूं. उसने पुलिस और नेपाली अधिकारियों से कहा कि वह दशकों बाद अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाएगा.

डॉक्टर ने लिखी किलर पर किताब
रमेश कोइराला ने शोभराज के दिल की सर्जरी की थी. बाद में 'चार्ल्स शोभराज: इनसाइड द हार्ट ऑफ द बिकनी किलर' नामक एक किताब लिखी और शोभराज के साथ अपने इंटरफेस को भी बताया. 

जेलर ने बताया सभ्य
काठमांडू जेल के एक सेवानिवृत्त जेलर ने बताया कि उन्हें शोभराज एक सभ्य और विद्वान व्यक्ति लगा.जेलर ने कहा, ससे सीधा संपर्क नहीं था, लेकिन अन्य कैदियों के मुताबिक वह ज्यादातर समय अंतरराष्ट्रीय कानून, दर्शन और कल्पना से जुड़ी किताबें पढ़ता था. शोभराज ने काठमांडू सेंट्रल जेल में 19 साल और दो महीने बिताए.

सेंट्रल जेल के जेलर ईश्वरी प्रसाद पांडेय ने बताया कि शोभराज एक अच्छा इंसान था, जो कई बीमारियों से पीड़ित था. ज्यादातर समय वह जेल की लाइब्रेरी में ही रहता था.कभी-कभी वह अपने लिए खाना बनाता था व कभी-कभी अन्य कैदियों के साथ खाना खाता था. वह अपने स्वास्थ्य कारणों से अक्सर आम मेस में खाना नहीं खाता था. उसे नेपाली खाना भी ज्यादा पसंद नहीं था.

शोभराज ने 1975 में कनाडा की लैडी ड्यूपार और एनाबेला ट्रेमोंट नाम की एक अमेरिकी महिला की हत्या थी. दोनों से उसकी दोस्ती काठमांडू में हुई थी. नेपाल पुलिस ने शोभराज को सितंबर 2003 में काठमांडू के एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया था.

जब तिहाड़ से भागा बिकनी किलर
मार्च 1986 में शोभराज दिल्ली की तिहाड़ जेल से भाग गया था, क्योंकि उसे लग रहा था कि पटाया में एक समुद्र तट पर बिकनी पहने छह लड़कियों की हत्या के आरोप का सामना करने के लिए उसे थाईलैंड प्रत्यर्पित किया जाएगा. बाद में बिकनी किलर को अप्रैल 1986 में गोवा में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. 1997 में जेल से रिहा होने के बाद वह फ्रांस जाना चाहता था. काठमांडू और भक्तपुर जिला अदालतों ने उसे 1975 में अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों की हत्या का दोषी पाया था.

कैसे करता था हत्या
शोभराज पश्चिमी बैकपैकर्स से दोस्ती करता था और उनका विश्वास अर्जित करने पर उन्हें नशा देता था और उनकी हत्या कर देता था व उनकी नकदी और पासपोर्ट लेकर भाग जाता था. शोभराज शायद दुनिया का इकलौता ऐसा अपराधी है, जिसने अपने जीवनकाल में दो अलग-अलग देशों में उम्रकैद की सजा काट ली है.

पत्नी से नहीं मिला शोभराज
शोभराज की पत्नी निहिता बिस्वास, 32 साल की नेपाली नागरिक हैं. उसने कहा, यह एक लंबी कानूनी लड़ाई रही है. मैं राहत महसूस कर रही हूं. वह अक्सर जेल में उससे मिलने जाती थी और बाद में उसने शादी कर ली, लेकिन शोभराज नेपाल से बाहर जाते समय उससे नहीं मिला.

ऐसी अटकलें हैं कि शोभराज और निहिता अलग हो गए हैं. निहिता ने इमिग्रेशन विभाग के बाहर उससे मिलने की कोशिश की, लेकिन असफल रही. निहिता की मां,शकुंतला, एक वकील हैं और उन्होंने अदालत में अपना मामला रखा था, लेकिन उनकी रिहाई पर वह भी उनसे नहीं मिल सकीं.

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