भारतीय मूल की बेटियों के हाथ ब्रिटेन की सुरक्षा, प्रीति के बाद अब सुएला बनेंगी गृह मंत्री

प्रीति पटेल और साजिद जाविद के बाद ब्रेवरमैन तीसरी अल्पसंख्यक गृह मंत्री होंगी. सुएला फर्नांडीस ब्रेवरमैन की जड़ें गोवा से जुड़ी हुई हैं.

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 5, 2022, 09:47 PM IST
  • ब्रिटेन में लिज ट्रस जीत गई हैं चुनाव.
  • सुएला बनेंगी देश की नई गृह मंत्री.
भारतीय मूल की बेटियों के हाथ ब्रिटेन की सुरक्षा, प्रीति के बाद अब सुएला बनेंगी गृह मंत्री

नई दिल्ली. भारतीय मूल की यूके की अटॉर्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन लिज ट्रस कैबिनेट में यूके की गृह मंत्री बन सकती हैं. इस पद पर वह प्रीति पटेल का स्थान लेंगी. प्रीति पटेल और साजिद जाविद के बाद ब्रेवरमैन तीसरी अल्पसंख्यक गृह मंत्री होंगी. सुएला फर्नांडीस ब्रेवरमैन की जड़ें गोवा से जुड़ी हुई हैं.

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेवरमैन नेतृत्व की प्रतियोगिता में ट्रस के खिलाफ खड़ी थीं. हालांकि दूसरे राउंड की गिनती के बाद वो दौड़ से बाहर हो गई थीं. अब गृह मंत्री के तौर पर उनका मुख्य कार्य अवैध प्रवासियों द्वारा चैनल क्रॉसिंग पर नकेल कसना और यह सुनिश्चित करना होगा कि जो लोग इंग्लैंड पहुंचते हैं उन्हें रवांडा भेज दिया जाए. ऐसा कर पाने में वर्तमान गृह मंत्री प्रीति पटेल विफल रही हैं. सुएला पिछले सात सालों से हैंपशायर से सांसद हैं. 

भारतीय मूल के दंपति के घर हुआ सुएला का जन्म
सुएला का जन्म भारतीय मूल के क्रस्टी और उमा फर्नांडिस के घर हुआ था. दंपति 1960 के दशक में ब्रिटेन चला गया था. उनकी मां पेशे से नर्स थीं और राजनीतिक रूप से सक्रिय रहने के कारण वो काउंसलर बनी थीं. सुएला का जन्म ग्रेटर लंदन में हुआ और उनकी परवरिश वेंबले में हुई. 

पहले गुजराती मूल की प्रीति थीं गृह मंत्री
इससे पहले तक ब्रिटेन की गृह मंत्री गुजराती मूल की प्रीति पटेल थीं. पूर्व प्रधानमंत्री थेरेसा मे की ब्रेक्जिट रणनीति की मुखर आलोचकों में शामिल रहीं प्रीति पटेल को जब गृह मंत्री बनाया गया तब भारतीय मीडिया में खूब चर्चा हुई थी.

कई इस्तीफे के बावजूद पद पर थीं प्रीति पटेल
बोरिस जॉनसन के विरोध में कई मंत्रियों के इस्तीफे के बावजूद प्रीति पटेल पद पर बनी रही थीं. वह यूनाइटेड किंगडम में भारतीय मूल की पहली गृह मंत्री बनी थीं. प्रीति को बोरिस जॉनसन की करीबियों में शुमार किया जाता रहा है. वो कंजरवेटिव पार्टी नेतृत्व के लिए 'बैक बोरिस' अभियान की प्रमुख सदस्य थीं. 

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