डायबिटीज समेत इन 4 बीमारियों के लिए दावत है दांतों की पीली परत, जानें शरीर के लिए कैसे है घातक

एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ बीमारियां हमारे ओरल हेल्थ से भी जुड़ी होती हैं. इसलिए दांतों की अच्छे से सफाई करें. चलिए जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जो दांतों की सफाई न रखने के कारण हो सकती हैं.   

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Mar 3, 2024, 02:26 PM IST
  • बीमारियों को बुलावा देता है दांतों का पीलापन
  • पीले दांतों से बढ़ सकता है अल्जाइमर का खतरा
डायबिटीज समेत इन 4 बीमारियों के लिए दावत है दांतों की पीली परत, जानें शरीर के लिए कैसे है घातक

नई दिल्ली:  'द सन' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक नियमित दांतों की सफाई न करने से आपकी जान को खतरा भी हो सकता है. दांतों में पर्याप्त ब्रश न करने से हम कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. इसको लेकर 'ओरल हेल्थ फाउंडेशन' के एक चिकित्सक डॉक्टर निगेल कार्टर का कहना है कि हमारे मुंह के अंदर कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं. ऐसे में ब्रश न करने पर ये बैक्टीरिया हमारे दांतों के अलावा शरीर को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाने लगते हैं. यहां तक की ये कुछ बीमारी का कारण भी बन सकते हैं. 

इन 4 बीमारियों को दावत देता है दांतों का पीलापन 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ बीमारियां हमारे ओरल हेल्थ से भी जुड़ी होती हैं. इसलिए दांतों की अच्छे से सफाई करें. चलिए जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जो दांतों की सफाई न रखने के कारण हो सकती हैं. 

हृदय रोग 
'द सन' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कई रिसर्च का मानना है कि जो लोग मसूड़ों की बीमारी से पीड़ित हैं उनमें दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना 3 गुना ज्यादा हो सकती है. 'यूरोपियन फेडरेशन ऑफ पेरियोडोंटोलॉजी' के मुताबिक हर 35 साल से ज्यादा उम्र के 10 में से लगभग 8 लोगों को किसी न किसी स्तर की बीमारी होती है, जो रक्तस्राव का कारण बनती है और  ऐसा तब होता है जब मसूड़ों या उसके आसपास बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं.  यह बैक्टीरिया ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश करते हैं, जिससे धमनियां सख्त हो जाती हैं और हृदय को पूरे शरीर में ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. डॉ निगेल के मुताबिक अगर ब्लड फ्लो बुरी तरह प्रभावित होता है तो इससे स्ट्रोक भी पड़ सकता है.   

निमोनिया 
रिसर्च के मुताबिक दांतों पर चिपकी बैक्टीरिया की पीली चिपचिपी लेयर ( प्लाक) निमोनिया को ट्रिगर कर सकती है. यह सांस के जरिए दांतों से हमारे फेफड़ों में एंटर कर सकते हैं, जिससे निमोनिया का खतरा पैदा हो सकता है.    

डायबिटीज 
'द सन' के मुताबिक कुछ रिसर्च का मानना है कि डायबिटीज और गम डिजीज के बीच में सीधा संबंध होता है. इसके अनुसार हाई ब्लड शुगर लेवल हमारे मुंह में  हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ा सकता है. ये बैक्टीरिया सूजन की समस्या बढ़ा सकता है. इससे  ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ता है.  डॉ निगेल के मुताबिक जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें अपने मसूड़ों की सफाई जरूर रखनी चाहिए. 

अल्जाइमर
ताइवान में 28 हजार मरीजों पर किए गए एक नए रिसर्च में पाया गया कि, जो लोग 10 साल से ज्यादा समय से मसूड़ों की पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं, उनमें अल्जाइमर रोग के विकसित होने का खतरा 1.7 गुना ज्यादा है. द सन' के मुताबिक वैज्ञानिकों को अल्जाइमर से मरने वाले लोगों के ब्रेन में मसूड़ों की बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया के सबूत भी मिले हैं. एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि टॉक्सिंस ब्लड से ब्रेन तक पहुंचकर नुकसान पहुंचा सकते हैं. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी रिसर्च  पर आधारित है, लेकिन Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़