गैस की आंच पर सीधे रोटी पकाने से होता है कैंसर! जानें क्या कहती है स्टडी

Side Effects of Having Gas flame Roti: रोटी भारतीय खाने में इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे अहम खाद्य पदार्थ है जिसे हम लगभग दिन के हर खाने में शामिल करते हैं. आमतौर पर इसे पहले तवा पर आधा पकाया जाता है और फिर गैस की सीधी आंच में इसे सेंक कर पूरी तरह पका लिया जाता है. पर क्या रोटी को पकाने का यह तरीका सुरक्षित और हेल्दी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 3, 2023, 02:48 PM IST
  • गैस पर पकाने से निकलते हैं स्वांस संबंधी बीमारी वाले केमिकल
  • न्यूट्रीशन और कैंसर की स्टडी ने पैदा किया सवाल
गैस की आंच पर सीधे रोटी पकाने से होता है कैंसर! जानें क्या कहती है स्टडी

Side Effects of Having Gas flame Roti: रोटी भारतीय खाने में इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे अहम खाद्य पदार्थ है जिसे हम लगभग दिन के हर खाने में शामिल करते हैं. आमतौर पर इसे पहले तवा पर आधा पकाया जाता है और फिर गैस की सीधी आंच में इसे सेंक कर पूरी तरह पका लिया जाता है. पर क्या रोटी को पकाने का यह तरीका सुरक्षित और हेल्दी है. यह सवाल हाल ही में सामने आई कुछ स्टडीज के बाद उठना शुरू हुआ है.

गैस पर पकाने से निकलते हैं स्वांस संबंधी बीमारी वाले केमिकल

इन स्टडीज में कहा गया है कि ऊंचे तापमान पर पकाने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाली गतिविधियों से हीट्रोकाइलिक एमिन्स (HCAs) और पॉलिकाइलिक एरॉमैटिक हाइड्रोकार्बन (PHAs) का उत्सर्जन होता है जिन्हें कार्सिनोजेन्स भी कहते हैं. ऐसे में आइये एक नजर इस स्टडी पर डालते हैं और रोटी को पकाने का सही तरीका जानते हैं.

एनवॉयरमेंटल साइंस और टेक्नॉलजी के जर्नल में पब्लिश की गई इस स्टडी के अनुसार प्राकृतिक गैस स्टोव और कुकटॉप्स से कार्बन मोनक्साइड, नाइट्रोजन डायोक्साइड और कुछ अवांछनीय पदार्थ जिन्हें WHO की तरफ से सांस की बीमारियों का कारक माना जाता है वो पदार्थ निकलते हैं.  ये वो पदार्थ हैं जो कार्डियोवैसकुलर समस्याओं के साथ कैंसर और अन्य स्वस्थ्य संबंधी बीमारियों का कारण बनती है.

न्यूट्रीशन और कैंसर की स्टडी ने पैदा किया सवाल

इतना ही नहीं जरनल में न्यूट्रीशन और कैंसर नाम से एक स्टडी भी छापी गई है जिसमें ऊंचे तापमान पर पकाने से कार्सिनोजेनिक्स के पैदा होने की बात कही गई है. जिसके चलते हमारे मन में सवाल उठा कि क्या रोटी को सीधे गैस पर पकाना चाहिए या नहीं. इससे पहले लोग चपाती या रोटी को तवा पर कपड़े से दबाकर पकाते थे जो कि रोटी को सीधे आग की आंच में आने से रोक देता था लेकिन जब से टॉन्ग्स का आविष्कार हुआ है लोगों ने रोटी को सीधे आंच पर पकाना शुरू कर दिया है.

गैस की आंच में पकाने से निकलते हैं हानिकरक केमिकल

इस तरीके को ज्यादा आसान और कम समय लेने वाला माना जाता है, साथ ही इसे रोटी पकाने का सबसे अच्छा तरीका भी माना जाता है क्योंकि रोटी हर कोने से पक जाती है. चीफ साइंटिस्ट ऑफ फूड स्टैंडर्ड्स ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की ओर से 2011 में पब्लिश की गई एक रिपोर्ट में डॉ पॉल ब्रेंट ने कहा कि जब रोटी सीधे गैस की आंच के संपर्क में आती है तो एक्रीलैमाइड नाम का केमिकल पैदा करती है जो कि चीनी और कुछ एमीनो एसिड को साथ गर्म करने पर बनता है. भले ही रिपोर्ट जले हुए टोस्ट पर आधारित थी लेकिन गेहूं के आटे में भी कुछ मात्रा में शुगर और प्रोटीन होता है और जब उसे गैस की आंच पर सीधे पकाया जाता है तो वो भी कार्सिनोजेनिक केमिकल पैदा करता है. यह मानव शरीर के लिये पूरी तरह से असुरक्षित है.

ग्रिल किये गये मीट से बढ़ता है कैंसर का खतरा

स्टडी के अनुसार जब मीट जिसमें बीफ, पोर्क, मछली और मुर्गी का मांस शामिल है को ऊंचे तापमान पर फ्राइंग पैन में पकाया जाता है या फिर सीधे आग में ग्रिल किया जाता है तो ये भी कार्सिनोजेनिक केमिकल पैदा करता है और कैंसर होने के चांसेस बढ़ाता है. एक रिसर्च पेपर के अनुसार ज्यादा मात्रा में हैमबर्गर खाने से 79 प्रतिशत लोगों को प्रोस्टेट कैंसर की समस्या हो सकती है.

उपलब्ध डाटा को देखें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि सीधे गैस पर बनी रोटी को खाना हमारे लिये असुरक्षित है लेकिन क्या गैस की आंच पर सीधे पकी रोटी से कैंसर होता है या नहीं इसे मानने के लिये हमें अभी और स्टडीज की जरूरत है.

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