Bank Loan Rules: ग्राहकों की आई मौज! 1 अक्टूबर से बदल जाएगा लोन लेने का तरीका, RBI ने बनाया नया नियम

RBI Loan New rules: कुल मिलाकर KFS में सारी शर्ते, ब्याज दर और अतिरिक्त लागतों की पूरी जानकारी देनी होगी. RBI ने आदेश दिया कि उसकी तरफ से सभी दिशानिर्देश बिना किसी अपवाद के एक अक्टूबर 2024 से लागू हो जाने चाहिए. RBI ने कहा कि एक फॉर्मेट बनने से लोगों को लोन से जुड़ी सभी जानकारी हासिल करने में सुविधा होगी.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Apr 17, 2024, 01:44 PM IST
  • KFS में सारी शर्ते, ब्याज दर और अतिरिक्त लागतों की जानकारी होगी
  • ग्राहकों को दबाव में लेकर कोई फीस चार्ज नहीं की जा सकती
Bank Loan Rules: ग्राहकों की आई मौज! 1 अक्टूबर से बदल जाएगा लोन लेने का तरीका, RBI ने बनाया नया नियम

RBI Loan New rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज (NBFCs) अब की फैक्ट स्टेटमेंट (KFS) में दर्शाए गए लोन की शर्तों से बंधी होंगी. यानी जो भी चार्ज होंगे वे एक ही स्टेटमेंट यानी KFS में होने चाहिए. एक अक्टूबर, 2024 से RBI बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिससे लोन लेने वाले ग्राहकों को भी फायदा पहुंचने की उम्मीद है.

लोन देने वाले बैंक या संस्थाओं को अब एक अक्टूबर से लोन मांगने वाले व्यक्तियों और कारोबारों को लोन एग्रीमेंट की सारी जानकारी देनी होगी. दरअसल, इस कदम से पारदर्शिता बढ़ेगी और इसका मकसद लोन लेने वाले लोगों को बेहतर जानकारी देना है, जिससे वह अपने सही वित्तीय फैसले ले सके. हालांकि, क्रेडिट कार्ड के मामले में छूट दी गई है.

KFS में क्या शामिल होगा?
लोन एग्रीमेंट की मुख्य जानकारी KFS का हिस्सा होगी. इसमें लोन की संपूर्ण लागत शामिल होगी. इसमें लोन लेने वाले ग्राहकों को एक यूनिक नंबर प्रदान किया जाएगा और सात दिन या उससे अधिक की अवधि वाले लोन के लिए कम से कम तीन कार्य दिवसों की वैधता अवधि होगी. RBI के अनुसार, KFS में क्या शामिल होना चाहिए. यह नीचे बताया गया है.

-वार्षिक प्रतिशत दर (APR) की एक गणना शीट और लोन अवधि पर ऋण का परिशोधन जानकारी. बता दें कि APR उधारकर्ता के लिए वार्षिक क्रेडिट लागत है.

-RE द्वारा लगाए गए सभी शुल्क.

-बीमा शुल्क और कानूनी शुल्क जैसे वास्तविक आधार पर तीसरे पक्ष सेवा प्रदाताओं की ओर से RE द्वारा उधारकर्ताओं पर लगाए गए शुल्क.

कुल मिलाकर KFS में सारी शर्ते, ब्याज दर और अतिरिक्त लागतों की पूरी जानकारी देनी होगी. RBI ने आदेश दिया कि उसकी तरफ से सभी दिशानिर्देश बिना किसी अपवाद के एक अक्टूबर 2024 से लागू हो जाने चाहिए. RBI ने कहा कि एक फॉर्मेट बनने से लोगों को लोन से जुड़ी सभी जानकारी हासिल करने में सुविधा होगी.

ग्राहकों को क्या फायदा?
RBI के अनुसार, RE लोन अवधि के दौरान किसी भी तरीके से उधारकर्ता की सहमति के बिना KFS में उल्लिखित कोई भी फीस या चार्ज नहीं ले सकता है. यानी जिसका जिक्र KFS में नहीं, उसके लिए कोई चार्ज भी नहीं. RBI ने कहा कि जिसकी जानकारी KFS में नहीं, बैंक या दूसरी संस्था ग्राहकों से उससे अलग जाकर फीस चार्ज नहीं कर सकती. ऐसे में साफतौर पर यह नियम ग्राहकों के हितों में मजबूत करेंगे.

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