नई दिल्ली: रबड़ी-जलेबी भारत में काफी मशहूर है.दोनों का साथ ऐसा है जैसे छोले के साथ भटूरे, पाव के साथ भाजी. ये खाने में बेहज मजेदार और स्वादिष्ट लगती है. गांव-कस्बे से लेकर शहरों तक में लोग इसके लिए दीवाने हैं. लेकिन अगर आप को पता चले की इस मिठाई को खाकर आप बीमारी का इलाज भी कर सकते हैं तो... सुनकर चकरा गया न सिर, पर बाबू भैया जै... सौ आने सच बात है.
माइग्रेन का रामबाण इलाज
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का संबंध वात से होता है. इसमें नर्वस सिस्टम से जुड़ी सारी बीमारियां शामिल होती हैं. अगर आपको सिरदर्द, माइग्रेन, अल्जाइमर, बेल पाल्सी, सिर की चोट, टेंशन से सिरदर्द, स्ट्रोक आदि में से कुछ है, तो रबड़ी-जलेबी का उपाय आपके ही काम आने वाला है.
कैसे करें प्रयोग
रबड़ी और जलेबी कफवर्धक खाना माना जाता है. यह वात शमन होता है यानी यह वात को कम करता है. इस कारण से जब कोई रबड़ी जलेबी को वात काल यानी सुर्योदय से पहले सेवन खाता हैं, तो यह उस व्यक्ति के माइग्रेन या अन्य सिरदर्द से राहत देती है. इंसान को इससे बहुत आराम मिलता है.
ये है खाने का सही समय
माइग्रेन के दर्द से अगर आप मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस उपाय को खाली पेट करना चाहिए. सूर्योदय से पहले खाली पेट रबड़ी और जलेबी का सेवन करने से आपको माइग्रेन या अन्य सिर दर्द से मुक्ति मिल जाएगी.
इस उपाय से फायदा लेने के लिए आपको लगातार 2-3 हफ्ते तक इस को करना होगा.
ये लोग उपाय करने से बचें
रबड़ी और जलेबी दोनों ही चीजों में शुगर और लैक्टोज की मात्रा बहुत अधिक होती है. इश कारण से इस उपाय को डायबिटीज और लैक्टोज इनटॉलरेंस के मरीजों के लिए नुकसानदायक माना गया है, जो लोग शुगर के मरीज हैं वह भूलकर भी इस उपाय को न करें.
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