Uttar Pradesh OPS: देशभर में OPS यानी पुरानी पेंशन योजना को लेकर आवाज बुलंद है. कांग्रेस शासित कई राज्यों में OPS लागू हो चुकी है. पंजाब में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू है. ऐसे ही अन्य राज्यों के कर्मचारी भी लगातार यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी OPS के तहत लाया जाए. इस कारण वे कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा रहे हैं. इस बीच यूपी हाई होर्ट का फैसला शिक्षकों और कर्मचारियों की पक्ष में आया है.
हाईकोर्ट ने ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया है, जिनकी भर्ती प्रक्रिया एक अप्रैल 2005 से पहले शुरू हो गई थी लेकिन उनकी पोस्टिंग बाद में हुई. अब ऐसे में 1 अप्रैल 2005 से पहले चयनित लेखपालों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाली की उम्मीद जाग चुकी है. यूपी हाई कोर्ट के आदेश के तहत कई विभागों ने ऐसे कर्मचारियों का ब्योरा मंगाना भी शुरू कर दिया है, जो पुरानी पेंशन योजना में जाने के लिए पात्र हैं.
कोर्ट तक कैसे पहुंचा मामला?
दरअसल, लेखपाल संघ व अन्यों की तरफ से याचिका दायर की गई थी कि उनका चयन 2005 से पहले हुआ था, इसलिए उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए. बता दें कि केंद्र की तरफ से एक अप्रैल 2004 से नई पेंशन स्कीम लागू की गई थी. लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे एक अप्रैल 2005 से लागू किया था.
केंद्र के कर्मचारियों की तरह की मांग करते हुए लेखपालों ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि लेखपालों की भर्ती का विज्ञापन 1999 में निकला था लेकिन नियुक्ति एक अप्रैल 2005 के बाद मिली. अब जहां कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुना दिया है.
इसके अलावा कर्मचारी याचिकाकर्ताओं ने नई पेंशन योजना के तहत वेतन से होने वाली कटौती को OPS के तहत GPF में एडजस्ट करने की भी मांग की है.
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