Mutual Fund SIP में निवेश से कमाना चाहते हैं मोटा पैसा, तो इन 4 बातों का जरूर रखें ध्यान

मौजूदा दौर में कई सारे युवा लोग एक अच्छी खासी रकम बनाने के लिए म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते हैं. लेकिन अगर आप चाहते हैं कि, म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करने पर आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा हो तो आपको कुछ बातों का बेहद खास ध्यान भी रखना होगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 28, 2022, 01:23 PM IST
  • म्यूचुअल फंड SIP में निवेश के वक्त रखें इन बातों का ध्यान
  • कम जोखिम के साथ साथ आपको होगा मोटे पैसों का मुनाफा
Mutual Fund SIP में निवेश से कमाना चाहते हैं मोटा पैसा, तो इन 4 बातों का जरूर रखें ध्यान

नई दिल्ली: अगर आप भी कम पैसों और शेयर मार्केट के मुकाबले कम जोखिम लेकर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो Mutual Fund SIP में निवेश करना एक काफी बेहतर जरिया है. मौजूदा दौर में कई सारे युवा लोग एक अच्छी खासी रकम बनाने के लिए म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते हैं. लेकिन अगर आप चाहते हैं कि, म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करने पर आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा हो तो आपको कुछ बातों का बेहद खास ध्यान भी रखना होगा.  कई बार लोग म्यूचुअल फंड में काफी कम जानकारी होने के बाद भी इनवेस्टमेंट करते हैं. जिसकी वजह से वे कुछ ऐसी गलतियां भी कर बैठते हैं और उनको फायदा की जगह नुकसान उठाना पड़ता है.

लक्ष्य के हिसाब से करें फंड का चुनाव

निवेश और मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते वक्त हमें अपने लक्ष्य के हिसाब से फंड का चुनाव करना चाहिए. अगर आप बड़ी रकम को निवेश कर रहे तो एक ही फंड में निवेश करने की बजाय आपको अलग अलग फंड में निवेश करना चाहिए. 

फंड का चुनाव

म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते वक्त निवेशक को यह सलाह दी जाती है कि, म्यूचुअल फंड के एक से दो साल के प्रदर्शन को देखने की बजाय उसके पिछले 5 से 10 वर्षों के के प्रदर्शन को देखे. इसके अलावा इस अवधि में बेंचमार्क इक्विटी रिटर्न को भी देख लेना सही फैसला है. योजना का चुनाव करते वक्त, म्यूचुअल फंड एसआईपी ने लंबे समय में कैसा प्रदर्शन किया है, यह देखने की सलाह दी जाती है.

नेट असेट वैल्यू और पिछला प्रदर्शन

म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करने वाले अक्सर यह मानते हैं कि कम NAV (Net Asset Value) वाले म्यूचुअल फंड एसआईपी अधिक रिटर्न देते हैं. लेकिन, असलियत में निवेशक को नेट असेट वैल्यू के बजाय म्यूचुअल फंड के पिछले प्रदर्शन पर गौर करना चाहिए. निवेशक को यह ध्यान रखना चाहिए कि उसका असेट मैनेजर म्यूचुअल फंड के NAV से ज्यादा मायने रखता है.

डिविडेंड बनाम ग्रोथ प्लान

निवेश एक्सपर्ट्स यह मानते हैं कि मुनाफे का भुगतान निवेशक के नेट AUM से किया जाता है. जिस वजह से, ग्रोथ प्लान पर डिविडेंड प्लान का चुनाव करने से निवेशक की आय लंबे समय में कम हो जाती है क्योंकि निवेशक कंपाउंडिंग बेनिफिट या टैक्स पर टैक्स का अवसर चूक जाता है. अगर हम टैक्स और निवेश विशेषज्ञों की मानें तो, डिविडेंड प्लान के मुकाबले ग्रोथ प्लान ज्यादा बेहतर होते हैं.

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