नई दिल्ली. भारत में नए साल की शुरुआत के साथ ही देश में महंगाई तेजी से बढ़ी है. इस साल खाने-पीने के सामानों की कीमतों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है. खाद्य सामानों की बढ़ी हुई कीमतों पर अब दुनिया की प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की है. क्रिसिल ने अपनी इस रिपोर्ट में खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण के बारे में बताया है.
आखिर क्यों बढ़ी महंगाई
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल यानी 2022 की शुरुआत में तेजी से गर्मी बढ़ने के कारण खाद्य सामानों की कीमतें महंगी हुई हैं. क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, खाने-पीने के सामानों की कीमतों के बढ़ने का मुख्य कारण गर्मी का बढ़ना और रशिया यूक्रेन युद्ध है. गर्मी बढ़ने और रशिया यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद्य सामानों की सप्लाई बाधित हुई है. जिस वजह से भी खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं.
गर्मी बढ़ने से फसलें हुईं प्रभावित
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी के बढ़ने से उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में औसत तापमान 122 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गया था. पारा चढ़ने से गेहूं, मूंगफली, बाजरा और आम जैसी फसलों पर असर पड़ा है.
इसके अलावा क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि,‘‘लू चलना प्रमुख घरेलू कारण है जिससे इस साल खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े हैं. यह 2020 के आरबीआई के एक अध्ययन की ओर संकेत देता है. इसमें कहा गया है कि खाद्य महंगाई दर पर जलवायु परिवर्तन का व्यापक आर्थिक प्रभाव पिछले दो दशकों में भारत के लिए सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण रहा है. मौद्रिक नीति समिति के समक्ष खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर एक बड़ी चुनौती है.‘‘
आरबीआई के अनुमान से ऊपर है महंगाई दर
बता दें कि, क्रिसिल ने 2021-22 के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर दबाव को देखते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर को 2022-23 में 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6.7 फीसदी के अनुमान से कुछ अधिक है.
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