नई दिल्ली: Ovarian Cancer: हाल ही में कुछ साइंटिस्ट ने दावा किया है कि कम उम्र के लोगों की तुलना में बूढ़े लोगों में ओवेरियन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. इसको लेकर बेंगलूरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) ने एक नई रिसर्च का खुलासा किया है. इस रिसर्च में रिसर्चर्स ने कीमोथेरेपी इंड्यूस्ड सेनेसेंट मॉडल की मदद से कैंसर सेल्स को चूहों के कुछ नए और कुछ वृद्ध सेल्स के साथ एक्सपोज किया गया. इसमें पाया गया कि कैंसर सेल्स वृद्ध सेल्स की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं.
इस तरह लगाया गया ओवेरियन कैंसर का पता
वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर के जरिए पता लगाया कि वृद्ध ओवरी सेल्स में कुछ तरह का प्रोटीन सीक्रेट होता है. इन्हें सेल्यूलर मैट्रिक्स कहा जाता है, जो कैंसर सेल्स को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे. इसी मैट्रिक्स को बेस बनाकर कैंसर सेल्स तेजी से बढ़ने लगे थे. वैज्ञानिक इसी कारण से इस बात को मान रहे हैं कि बुजुर्गों में कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है या बढ़ती उम्र के कारण कैंसर सेल्स आसानी से हमारे शरीर में फैल सकते हैं.
क्या है ओवरियन कैंसर?
ओवेरियन कैंसर या डिम्बग्रंथि कैंसर में हमारे ओवरी यानी अंडाशय में बनने वाली कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं. इसके बाद ये शरीर के हेल्दी टिशूज पर हमला करते हुए उन्हें डैमेज करती हैं. फीमेल रीप्रोडक्टव सिस्टम में 2 ओवरी होते हैं. ये दोनों यूटरस के एक-एक तरफ होते हैं. ओवरीज अंडे (ova) के साथ-साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का प्रोडक्शन भी करते हैं.
ओवेरियन कैंसर का लक्षण और इलाज
बता दें कि ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए आमतौर पर सर्जरी और कीमोथेरेपी की जाती है. ओवेरियन कैंसर का जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी इलाज करना चाहिए. इससे यह जल्दी ठीक हो जाता है, हालांकि शुरूआती समय में इसका डायग्नोसिस बेहद मुश्किल होता है क्योंकि शुरूआत में इस समस्या का पता लगाना थोड़ा कठिन होता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें
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