Pension New Rules: केंद्र सरकार ने अब केंद्रीय सिविल सेवा (Pension) नियम 2021 में संशोधन किया है, ताकि महिला सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अपने पति या पत्नी के बजाय पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए अपने बच्चों को नामांकित करने की अनुमति मिल सके.
अब तक, पारिवारिक पेंशन पहले जीवित पति या पत्नी को मिलती थी और बच्चे पति या पत्नी की मृत्यु के बाद ही इसे प्राप्त करने के पात्र होते थे. नतीजतन, कई महिला अधिकारी और पेंशनभोगी पूछ रहे थे कि क्या उन मामलों में पति या पत्नी से पहले बच्चों को नामांकित करना संभव है जहां तलाक की कार्यवाही चल रही हो या पति या पत्नी के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले लंबित हों? अब जहां उक्त महिलाओं के लिए अच्छी खबर है.
सरकार ने नोट किया कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से बड़ी संख्या में संदर्भ प्राप्त हुए थे कि क्या महिला अधिकारियों और पेंशनभोगियों को ऐसा करने की अनुमति है? सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ भी विचार-विमर्श किया, जिसके बाद अब इसकी अनुमति देने का निर्णय लिया गया है.
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में सरकार ने कहा, 'यह संशोधन प्रकृति में प्रगतिशील है और महिला कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को महत्वपूर्ण रूप से सशक्त बनाएगा.'
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 1 जनवरी को इस संशोधन को अधिसूचित करते हुए एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया.
नियम कब लागू होगा
संशोधित नियमों में प्रावधान महिला सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर लागू हो सकता है, यदि उनकी मृत्यु के समय, उनके द्वारा दायर की गई कोई भी तलाक की कार्यवाही अभी भी चल रही हो. यह तब भी लागू होगा जब महिला अधिकारी या पेंशनभोगी की मृत्यु के समय, पति या पत्नी के खिलाफ दहेज, घरेलू हिंसा या भारतीय दंड संहिता को प्रतिबंधित करने वाले कानूनों के तहत मामले लंबित हैं.
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