Google एंड्राइड यूजर्स को देगा ये सुविधा, दुरुपयोग के कारण 1300 करोड़ का जुर्माना

Google Update: प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने बुधवार को कहा कि वह भारत में एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन उपयोग करने वालों को ‘डिफॉल्ट’ यानी कुछ खोजने पर स्वत: खुलने वाले सर्च इंजन के चयन की अनुमति देगी.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 25, 2023, 11:10 PM IST
  • Google: गूगल पर क्यों लगाया गया 1300 करोड़ का जुर्माना?
  • एंड्राइड सिस्टम में नहीं जोड़ी जाएगी गूगल से जुड़ी हुई शर्त
Google एंड्राइड यूजर्स को देगा ये सुविधा, दुरुपयोग के कारण 1300 करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली: प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने बुधवार को कहा कि वह भारत में एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन उपयोग करने वालों को ‘डिफॉल्ट’ यानी कुछ खोजने पर स्वत: खुलने वाले सर्च इंजन के चयन की अनुमति देगी. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश के खिलाफ अदालत से कोई राहत नहीं मिलने के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है. 

गूगल पर क्यों लगाया गया 1300 करोड़ का जुर्माना?

उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया था. आदेश के तहत गूगल पर अपनी लोकप्रिय ‘एंड्रॉयड’ परिचालन प्रणाली को लेकर दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिये 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. 

देश में करीब 60 करोड़ स्मार्टफोन में से लगभग 97 प्रतिशत इसी प्रणाली पर चलती है. सीसीआई ने ‘प्ले स्टोर’ नीतियों से जुड़े मामले में भी अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी पर 936 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. गूगल ने एक ब्लॉग में लिखा है, ‘‘हम भारत में स्थानीय कानून और नियमों को गंभीरता से पालन करने की प्रतिबद्धता दोहराते हैं. प्रतिस्पर्धा आयोग का एंड्रॉयड और प्ले स्टोर को लेकर हाल का जो निर्देश है, उससे भारत के लिये उल्लेखनीय बदलाव की जरूरत है. आज हमने सीसीआई को सूचित किया कि हम कैसे उनके निर्देशों का अनुपालन करेंगे.’’ 

इन बदलावों में मूल उपकरण विनिर्माताओं या स्मार्टफोन बनाने वालों को अपने उपकरणों पर पहले से ‘इंस्टॉलेशन’ के लिये गूगल के अलग-अलग ऐप को लेकर लाइसेंस लेने की स्वतंत्रता शामिल है. इसमें कहा गया है, ‘‘एंड्रॉयड उपयोगकर्ता हमेशा से अपने उपकरणों को अपनी पसंद के अनुसार बदलाव करने में सक्षम रहे हैं. भारतीय उपभोक्ताओं को अपने ‘डिफॉल्ट’ सर्च इंजन के चयन का विकल्प होगा. यह विकल्प जल्दी ही दिखाई देने वाली ‘चॉइस स्क्रीन’ पर उपलब्ध होगा. जब उपयोगकर्ता भारत में नये एंड्रॉयड स्मार्टफोन या टैबलेट को सेट करेंगे, उन्हें यह विकल्प दिखेगा.’’ 

एंड्राइड सिस्टम में नहीं जोड़ी जाएगी गूगल से जुड़ी हुई शर्त

गूगल अपने एंड्रॉयड सिस्टम को लेकर स्मार्टफोन बनाने वालों को लाइसेंस देती है. इसमें उसके स्वयं के ऐप के पहले से लगाने की शर्त होती है. इस शर्त को प्रतिस्पर्धा-विरोधी माना जाता है. हालांकि, कंपनी का तर्क है कि इस तरह के समझौते एंड्रॉयड को मुक्त रखने में मदद करते हैं. प्रतिस्पर्धा आयोग ने पिछले साल अक्टूबर में अपने आदेश में कहा था कि गूगल के प्ले स्टोर के लाइसेंस को गूगल सर्च सर्विसेज, क्रोम ब्राउजर, यूट्यूब या किसी अन्य गूगल एप्लिकेशन को पहले से ‘इंस्टॉल’ करने की शर्त से नहीं जोड़ा जाएगा. 

आदेश में गूगल से गूगल मैप और यूट्यूब जैसे ऐप को हटाने की अनुमति देने को कहा गया था. फिलहाल इसे एंड्रॉयड फोन से नहीं हटाया जा सकता. ये फोन में पहले से ही ‘इंस्टॉल’ होते हैं. गूगल ने कहा कि हम जरूरत के अनुसार एंड्रॉयड का अद्यतन कर रहे हैं. 

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