Flight Ticket Booking: यात्रियों को हवाई यात्रा करना पड़ेगा महंगा, बढ़ने वाली हैं एयर टिकट की कीमतें

आईएटीए प्रमुख ने हाल ही में चेतावनी दी है कि ईंधन की लागत बढ़ने पर एयरलाइन टिकटों की कीमतें 'बिना किसी संदेह के' बढ़ जाएंगी. तेल की कीमतों में उछाल आया है क्योंकि अर्थव्यवस्थाएं कोविड महामारी और यूक्रेन में युद्ध के कारण भी उबर रही हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 23, 2022, 06:55 PM IST
  • बीते कुछ महीनों में 50 फीसदी महंगी हुई हवाई यात्रा
  • यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध का भी दिख रहा असर
Flight Ticket Booking: यात्रियों को हवाई यात्रा करना पड़ेगा महंगा, बढ़ने वाली हैं एयर टिकट की कीमतें

नई दिल्ली: आईएटीए प्रमुख ने हाल ही में चेतावनी दी है कि ईंधन की लागत बढ़ने पर एयरलाइन टिकटों की कीमतें 'बिना किसी संदेह के' बढ़ जाएंगी. तेल की कीमतों में उछाल आया है क्योंकि अर्थव्यवस्थाएं कोविड महामारी और यूक्रेन में युद्ध के कारण भी उबर रही हैं.

बीते कुछ महीनों में 50 फीसदी महंगी हुई हवाई यात्रा

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा कि ये लागत उपभोक्ताओं पर डाली जाएगी. उन्होंने कहा, "उपभोक्ताओं के लिए उड़ान अधिक महंगी होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है." उन्होंने कहा कि 'तेल की उच्च कीमत' 'उच्च टिकट कीमतों में परिलक्षित होगी.' ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण, भारत में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई किराए में पिछले कुछ महीनों में 50 फीसदी तक की वृद्धि देखी गई है.

सीबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वित्तीय सेवा फर्म कोवेन के विश्लेषण के अनुसार, अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयर लाइन्स और यूनाइटेड एयरलाइंस (तीन सबसे बड़े अमेरिकी घरेलू वाहक) में हवाई किराए में एक साल पहले की तुलना में 23 मई को समाप्त सप्ताह के लिए लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कोवेन ने न्यूयॉर्क स्थित हैरेल एसोसिएट्स के डेटा का उपयोग करके वाहक के लिए चार अलग-अलग किराया श्रेणियों में लगभग 300 मार्गों को ट्रैक किया, जो एयरलाइन मूल्य निर्धारण के रुझान को ट्रैक करता है.

यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध का भी दिख रहा असर

आईएटीए के अनुसार, मई में भारत में 0.3 फीसदी एमओएम की कमी दर्ज की गई. इस घरेलू बाजार में वर्ष-दर-वर्ष यातायात में 405.7 फीसदी की वृद्धि हुई. तेल की कीमतें पहले से ही बढ़ रही थीं क्योंकि कोविड महामारी से उबरने वाली अर्थव्यवस्थाओं में मांग फिर से बढ़ गई.

यूक्रेन में युद्ध के नतीजे ने कीमतों को और बढ़ा दिया है. बीबीसी ने बताया कि अमेरिका ने रूस से तेल आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, जबकि ब्रिटेन को रूसी आपूर्ति को साल के अंत तक समाप्त करना है. यूरोपीय संघ के नेताओं ने कहा है कि वे 2022 के अंत तक अधिकांश रूसी तेल आयात को रोक देंगे.
इसका मतलब है कि अन्य उत्पादकों से तेल की मांग बढ़ गई है, जिससे कीमतें अधिक हो गई हैं.

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