वित्त मंत्रालय ने रखा कॉमन ITR फॉर्म का प्रस्ताव, करदाताओं को मिलेगी ये सुविधा

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार सभी करदाताओं के लिए एकसमान आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म लाने के प्रस्ताव को रखा जिसमें डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाली आय को भी अलग से दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 1, 2022, 10:33 PM IST
  • वित्त मंत्रालय ने रखा कॉमन ITR फॉर्म का प्रस्ताव
  • अभी अलग अलग फॉर्म से जमा होता है ITR
वित्त मंत्रालय ने रखा कॉमन ITR फॉर्म का प्रस्ताव, करदाताओं को मिलेगी ये सुविधा

नई दिल्ली: ITR file करने वालों के लिए बेहद जरूरी खबर है. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार सभी करदाताओं के लिए एकसमान आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म लाने के प्रस्ताव को रखा जिसमें डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाली आय को भी अलग से दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा.

क्या कहा वित्त मंत्रालय ने 

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ट्रस्ट एवं गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर बाकी सभी करदाता इस प्रस्तावित नए आईटीआर फॉर्म के जरिये अपने रिटर्न जमा कर सकते हैं. इस नए फॉर्म पर हितधारकों से 15 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं.

अभी अलग अलग फॉर्म से जमा होता है ITR
 
फिलहाल छोटे एवं मझोले करदाता ITR फॉर्म 1 (सहज) और ITR फॉर्म 4 (सुगम) के जरिये आयकर रिटर्न जमा करते है.  ITR फॉर्म 1 का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की सालाना वेतन आय वाला व्यक्ति कर सकते हैं ITR फॉर्म 4 का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्मों के लिए निर्धारित है. 

कौन इस्तेमाल कर सकता है ITR फॉर्म 2 और ITR फॉर्म 3

ITR-2 फॉर्म का इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं जबकि ITR-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है. ITR-5 एवं 6 फॉर्म सीमित दायित्व भागीदारी (LLP) एवं कारोबारों के लिए निर्दिष्ट हैं जबकि आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं.

क्या कहा CBDT ने

आयकर विभाग के नियामकीय संगठन सीबीडीटी ने कहा कि आईटीआर-1 एवं आईटीआर-4 आगे भी बने रहेंगे लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं के पास इस साझा आईटीआर फॉर्म के माध्यम से भी रिटर्न जमा करने का विकल्प होगा. CBDTने कहा, "आईटीआर-7 फॉर्म को छोड़कर बाकी सभी रिटर्न वाले फॉर्म को मिलाकर एक साझा आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है. नए आईटीआर का मकसद व्यक्तियों एवं गैर-कारोबारी करदाताओं के लिए रिटर्न जमा करने को सुगम बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करना है." 

सीबीडीटी ने कहा कि सभी हितधारकों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार इस साझा आईटीआर को अधिसूचित कर दिया जाएगा और आयकर विभाग इसके ऑनलाइन उपयोग की भी जानकारी देगा. नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि नया फॉर्म आने के बाद आईटीआर-2, 3, 5 एवं 6 फॉर्म के जरिये रिटर्न जमा करने वाले करदाताओं के पास अब पुराने फॉर्म का विकल्प नहीं रह जाएगा.

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