सर्दी में खुजली या फटी त्वचा के लिए कब घरेलू नुस्खे छोड़ डॉक्टर के पास जाने में है समझदारी, जानिए

Skin Care: सर्दियों में तमाम लोगों को खुजली, खुश्की और पपड़ी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. यही नहीं त्वचा का फटना या इसका रंग बदलने जैसी समस्याएं भी होती हैं. इससे काफी परेशानी होती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 23, 2023, 12:08 PM IST
  • अपनी त्वचा को रखें हाइड्रेटेड
  • ...तो डॉक्टर से करे संपर्क
सर्दी में खुजली या फटी त्वचा के लिए कब घरेलू नुस्खे छोड़ डॉक्टर के पास जाने में है समझदारी, जानिए

नई दिल्लीः Skin Care: सर्दियों में तमाम लोगों को खुजली, खुश्की और पपड़ी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. यही नहीं त्वचा का फटना या इसका रंग बदलने जैसी समस्याएं भी होती हैं. इससे काफी परेशानी होती है.

त्वचा के शुष्क होने पर खुजली होती है. यह साबुन और डिटर्जेंट, पर्यावरण या खाद्य एलर्जी, हार्मोनल परिवर्तन और त्वचा संक्रमण से शुरू हो सकती है. एस्टेटोटिक एक्जिमा, जिसे विंटर इच के रूप में जाना जाता है, यह वृद्ध वयस्कों में आम है. 

त्वचा को रखें हाइड्रेटेड
त्वचा को हाइड्रेटेड रखना इसका प्राथमिक उपचार है. पानी आधारित लोशन त्वचा के सूखने की स्थिति को और खराब कर सकते हैं, इसलिए गीली या नम त्वचा पर पेट्रोलियम जेली, खनिज तेल या वैसलीन जैसे उच्च तेल सामग्री वाले मॉइस्चराइजर लगाने की सलाह दी जाती है. 

कम देर तक गर्म पानी का करें इस्तेमाल
लंबे समय तक गर्म पानी से नहाने की बजाय कम देर तक गर्म पानी में रहें. माइल्ड साबुन का इस्तेमाल करें. अगर जलवायु शुष्क है तो कमरे में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें. इसके बाद भी खुजली और सूखापन रहता है तो त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें.

...तो डॉक्टर से करे संपर्क
बिवाई छोटे, खुजली वाले पैच होते हैं, जो तब हो सकते हैं जब त्वचा ठंडे और नम मौसम के संपर्क में आती है. इससे दर्द, खुजली, सूजन हो जाती है और सूजन वाली जगह आमतौर पर नीले से बैंगनी रंग की हो जाती है. गंभीर मामलों में फफोले और अल्सर हो सकते हैं. 

ज्यादातर यह एक से तीन सप्ताह के भीतर ठीक हो जाती है. अगर बुखार, मांसपेशियों में दर्द और ठंड लगने लगती है तो त्वचा विशेषज्ञ या चिकित्सक को दिखाना सबसे अच्छा होगा.

रंग बदल रही त्वचा तो ठंड से बचें 
सर्दी के कारण हाथ-पैर की उंगलियां अकड़ जाती हैं. इससे प्रभावित स्थान पर लाल या नीला होने लगता है. त्वचा रंग बदलने लगती है. इससे बचने के लिए ठंड में परतों में कपड़े पहनने चाहिए. कम से कम, दस्ताने और इंसुलेटेड जूते पहनें. यदि लक्षणों में तेजी से सुधार नहीं होता है तो एक त्वचा विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक को दिखाएं. 

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