नई दिल्ली: Cyrus Mistry Road Accident: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और उनके साथ कार में सफर कर रहे उनके दोस्त जहांगीर पंडोले की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई. इस हादसे ने फिर से लोगों के जेहन में यह सवाल खड़ा किया है कि अगर आप कार में पीछे बैठकर भी यात्रा कर रहे हैं, तो आपके लिए भी सीट बेल्ट लगाना कितना जरूरी है.
सीट बेल्ट न लगाने पर सिर्फ जान का जोखिम ही नहीं हैं, अगर आप कभी हादसे का शिकार हो जाते हैं और आपने सीट बेल्ट नहीं लगाई है, तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है साथ ही बीमा क्लेम करते समय बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
कार हादसे में पीछे बैठे लोग ज्यादा बने शिकार
बीते कई सालों में यह बात सामने आई है कि कार हादसों में पीछे बैठने वाले लोगों की अधिक मौत हुई है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि कार में पीछे बैठने वाले अधिकतर लोग सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करते हैं, ऐसे में वे अधिक हादसे का शिकार होते हैं.
एक सर्वे में भी यह सामने आया है कि भारत में हर 10 में से 7 लोग कार में पीछे बैठने पर सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करते हैं.
ये है हादसे का सबसे बड़ा कारण
आमतौर पर हम इस बात पर गौर नहीं करते, लेकिन कार में सीट बेल्ट और एयरबैग एक साथ काम करते हैं. अगर कार में बैठने वाला व्यक्ति सीट बेल्ट नहीं लगाता है, तो एयरबैग खुल जाने पर भी हादसे में उसे अधिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
एयरबैग व्यक्ति को हादसे के समय होने वाले इम्पैक्ट प्रेशर से बचाती है. जबकि उसी समय सीट बेल्ट व्यक्ति के मूवमेंट को रोक देती है. अगर व्यक्ति ने सीट बेल्ट नहीं लगाई है, तो एयरबैग से उसे ज्यादा बचाव नहीं मिलेगा.
सीट बेल्ट न लगाने पर इतना है जुर्माना
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत, कार में यात्रा कर रहे फ्रंट सीट और बैक सीट पर बैठे वो यात्री जो कार के फ्रंट को फेस कर रहे हैं, उनके लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है. अगर व्यक्ति कार में बैठते समय सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करता है, तो उसे 1,000 रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है.
बीमा क्लेम मिलने में होती है समस्या
कार हादसे में बीमा क्लेम करते समय भी आपको समस्या का सामना करना पड़ेगा, अगर आपने हादसे के समय सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. सीट बेल्ट न लगाने पर अगर व्यक्ति की कार हादसे में मौत हो जाती है, या एक्सीडेंट हो जाता है, तो उसे मुआवजा नहीं मिलता है.
कार में पीछे बैठे व्यक्ति ने भी अगर सीट बेल्ट नहीं लगाई है, तो हादसे में उसे चोट लगने पर बीमा कंपनी मुआवजे में कटौती कर सकती है. इस स्थिति में बीमा क्लेम के तहत कम राशि मिलती है.
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