नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और इसके आस पास आने वाले NCR क्षेत्र में सर्दियों की दस्तक के साथ ही वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से लगातार दिल्ली का AQI 'खराब' या 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है. दिल्ली वालों के लिए सांस लेना लगातार मुश्किल होता जा रहा है.
दिल्ली के लोगों ने बताया इस वजह से बढ़ रहा वायु प्रदूषण
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के 53 फीसदी लोगों की नजर में वायु प्रदूषण के स्तर में इजाफे की पहली और बड़ी वजह पड़ोसी राज्यों में पराली का जलाया जाना है. एक सर्वेक्षण के आधार पर यह दावा किया गया है. यह सर्वेक्षण लोकल सर्किल्स की ओर से किया गया जो 20 हजार नागरिकों के जवाब पर आधारित है.
इतने हजार लोगों ने पराली को माना कारण
सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 10,037 लोगों ने पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाये जाने को राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता का मूल कारण बताया. बता दें कि गुरुवार को भी दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में बनी रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर 426 रहा.
गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी बड़ी वजह
रिपोर्ट के मुताबिक 13 फीसदी लोगों को लगता है कि वायु प्रदूषण का मुख्य कारण 'वाहनों से होने वाला उत्सर्जन' है, जबकि सात फीसदी लोगों ने इसके लिए शहर में 'कूड़ा जलाने' को जिम्मेदार ठहराया. सर्वेक्षण के मुताबिक सात फीसदी लोगों ने 'औद्योगिक उत्सर्जन' और सात फीसदी लोगों ने 'निर्माण गतिविधियों' को वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया.
दिल्ली के लोग नहीं करते हैं 'ऑड इवेन' को सपोर्ट
'ऑड इवेन' वाहन कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर करीब 10547 लोगों ने कहा कि वे इस योजना का समर्थन नहीं करते हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि 56 फीसदी लोग इसका समर्थन नहीं करते जबकि 38 फीसदी लोगा वायु प्रदूषण घटाने के लिए इस कदम का समर्थन करते हैं. लोकल सर्किल्स एक सामुदायिक सोशल मीडिया मंच है जो प्रशासन, सार्वजनिक और उपभोक्ताओं के हितों से जुड़े मुद्दों पर सर्वेक्षण कराता है.
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