लखनऊ: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2022-23 के बिजली के नए टैरिफ की घोषणा कर दी है. इस वर्ष के लिए बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है. वहीं आयोग ने अधिकतम स्लैब सीमा को कम किया है. हालांकि, सात रुपये प्रति यूनिट की दर को समाप्त किया गया है. अब 500 यूनिट से ज्यादा उपभोग होने पर 6.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से ही बिल देना होगा. आज नियामक आयोग ने बिजली का नया टैरिफ जारी किया है. जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं के स्लैब में सबसे अधिक कमी की गई है. इनके अनुसार प्रदेश में बिजली की दरें यथावत ही रहेंगी. इतना ही नहीं बिजली की दर की स्लैब को भी घटाया गया है.
व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी मिलेगी बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश में पहले बिजली के दर की स्लैब 80 थीं, जिनको घटाकर 59 कर दिया गया है. इससे घरेलू उपभोक्ताओं से साथ व्यावसायिक उपयोग करने वालों को भी काफी राहत मिलेगी. ज्यादा बिजली खर्च करने वाले शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. अब सात रुपये यूनिट नहीं देना होगा. शहरी घरेलू बीपीएल उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक 3 रुपये यूनिट से बिजली मिलेगी.
प्रदेश के शहरी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जीरो से 100 यूनिट तक 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 101 से 150 यूनिट तक प्रति यूनिट 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक प्रति यूनिट 6.00 रुपये और 300 यूनिट के ऊपर 6.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से दरें निर्धारित की गई हैं. जबकि शहरों में घरेलू बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक प्रति यूनिट 3.00 रुपये के हिसाब से बिल देना होगा.
इसी तरह, ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को जीरो से 100 यूनिट तक 3.35 रुपये प्रति यूनिट, 101-150 यूनिट तक 3.85 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक 5.00 रुपये प्रति यूनिट और 300 से ऊपर यूनिट होने पर 5.50 रुपये प्रति यूनिट देना होगा. जबकि, ग्रामीण घरेलू बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक तीन रुपये में बिजली दी जाएगी.
7 रुपये प्रति यूनिट के स्लैब को किया गया खत्म
उत्तर प्रदेश में पहले बिजली के दर की स्लैब 80 थीं, जिनको घटाकर 59 कर दिया गया है. इससे घरेलू उपभोक्ताओं से साथ व्यावसायिक उपयोग करने वालों को भी काफी राहत मिलेगी. ज्यादा बिजली खर्च करने वाले शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. अब सात रुपये यूनिट नहीं देना होगा. शहरी घरेलू बीपीएल उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक 3 रुपये यूनिट से बिजली मिलेगी.
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि नियामक आयोग ने उपभोक्ता परिषद की ज्यादातर मांगों को मान लिया है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि जिस प्रकार नोएडा पावर कंपनी के क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 10 की कमी की गई है उसी प्रकार पावर कापोर्रेशन द्वारा नियामक आयोग में उपभोक्ताओं के निकल रहे 22045 करोड़ रुपये पर अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल करने का शपथ पत्र दिया गया होता तो बिजली दरों में भारी कमी होती.
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