नई दिल्ली. बीते एक दशक के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल बहुत तेजी के साथ बढ़ा है. लेकिन एक ताजा सर्वे के मुताबिक 2025 तक 50 प्रतिशत से ज्यादा उपभोक्ता सोशल मीडिया को या तो छोड़ देंगे या इसका उपयोग सीमित कर देंगे. ऐसा करने का कारण गलत सूचना का प्रसार, हानिकारक यूजर आधार और बॉट्स का प्रचलन है. 53 प्रतिशत उपभोक्ताओं का मानना है कि सोशल मीडिया की वर्तमान स्थिति पिछले साल या पांच साल पहले की तुलना में खराब हो गई है.
किस बात को लेकर है चिंता?
गार्टनर के एक सर्वे के मुताबिक सोशल मीडिया में अपेक्षित जेनएआई उपयोग के प्रभाव के बारे में चिंता अधिक है. इसी वजह से 10 में से 7 से अधिक उपभोक्ता इस बात से सहमत हैं कि सोशल मीडिया में जेनएआई के अधिक एकीकरण से यूजर्स अनुभव को नुकसान होगा. डिजिटल मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया टॉप निवेश चैनल बना हुआ है, लेकिन उपभोक्ता एक्टिव रूप से इसके उपयोग को सीमित करने की कोशिश कर रहे हैं.
कंटेंट कम साझा कर रहे हैं यूजर्स
गार्टनर के एक अधिकारी के मुताबिक यूजर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह कहता है कि कुछ साल पहले की तुलना में वे अपनी खुद की लाइफ और कंटेंट को कम साझा कर रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता में विश्वास की कमी कुछ उपभोक्ताओं को एआई-मुक्त ब्रांड और इंटरैक्शन की तलाश करने के लिए प्रेरित करेगी.
क्या आएगा बदलाव
सर्वे के मुताबिक 2028 के समय तक ब्रांडों के ऑर्गेनिक सर्च ट्रैफिक में 50 प्रतिशत या उससे अधिक की कमी आएगी. इसका कारण ये है कि यूजर्स जेनरेटिव एआई-संचालित सर्च को अपनाएंगे. सर्च इंजनों में जेनएआई को तेजी से अपनाने से बिक्री बढ़ाने के लिए जैविक सर्च का उपयोग करने की सीएमओ की क्षमता में काफी बाधा आएगी.
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