नई दिल्लीः Team India Head Coach List: गौतम गंभीर के रूप में टीम इंडिया को नया हेड कोच मिल चुका है. अब आगामी तीन सालों तक गौतम गंभीर ही टीम इंडिया के हेड कोच रहेंगे. गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया एक टी20 वर्ल्ड कप, एक वनडे वर्ल्ड कप, एक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े आईसीसी मुकाबलों में खेलेगी. ऐसे में बतौर हेड कोच गंभीर के सामने ये एक बड़ी चुनौती होगी कि उनकी कोचिंग में टीम का प्रदर्शन सर्वोत्तम रहे.
टीम इंडिया के 16वें कोच बने गौतम गंभीर
गौतम गंभीर को BCCI ने टीम इंडिया के 16वें कोच के रूप में नियुक्त किया है. इससे पहले ये जिम्मेदारी राहुल द्रविड़ के हाथों में थी. द्रविड़ के कोचिंग में टीम का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है. टीम इंडिया 17 सालों बाद टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीती है. इसी के साथ द्रविड़ भारत को वर्ल्ड कप में चैंपियन बनाने वाले पहले भारतीय कोच बन चुके हैं. टीम इंडिया को अभी तक कुल 4 विदेशी और 12 देसी कोच मिल चुके हैं.
पिछले सात कोच भारतीय
गौर करने वाली बात यह है कि भारत के सभी विदेशी कोचों का कार्यकाल आसपास ही रहा है और अब कोचिंग की कमान किसी विदेशी के हाथों में गए 9 साल बीत चुके हैं. डंकन फ्लेचर के बाद टीम डंडिया में कोई विदेशी कोच नहीं बन पाया है. उनके कार्यकाल के बाद BCCI का भरोसा स्वदेशी कोच पर बढ़ा है. इसका जीता जागता उदाहरण फ्लेचर के कार्यकाल के बाद लगातार 7 भारतीय को हेड कोच के रूप में चुनना है. ऐसे में आइए जानते हैं कि अब तक के सभी कोचों के कार्यकाल में टीम का प्रदर्शन कैसा रहा है.
भारत के पहले हेड कोच हैं बिशन बेदी
बिशन सिंह बेदी (1990 से 1991 तक): साल 1990 में टीम इंडिया को पहला हेड कोच मिला था. तब साल 1983 में वर्ल्ड कप चैंपियन टीम का हिस्सा रहे बिशन सिंह बेदी पर BCCI ने भरोसा जताया था और उन्हें टीम का हेड कोच नियुक्त किया था. हालांकि, उनके कार्यकाल में टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था.
अब्बास अली बेग (1991-1992): बिशन सिंह बेदी के बाद 1991 में अब्बास अली बेग को टीम इंडिया का हेड कोच नियुक्त किया गया. इस दौरान भी टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. भारत को पांच में से चार टेस्ट मैचों में करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा साल 1992 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में टीम जगह नहीं पाई थी.
अजीत वाडेकर (1992 से 1996): अब्बास अली बेग के बाद कोचिंग की जिम्मेदारी टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर को सौंपी गई. उन्हीं के कार्यकाल में सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन को टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था. अजीत वाडेकर चार सालों तक टीम के हेड कोच रहे थे. हालांकि, इस बार भी टीम इंडिया कुछ खास कारनामा नहीं दिखा पाई.
संदीप पाटिल (1996): संदीप पाटिल 1996 के वर्ल्ड कप के दौरान अजीत वाडेकर के असिस्टेंट मैनेजर थे. टोरंटो में सहारा कप में पाकिस्तान से मिली हार के बाद उन्हें कोचिंग से हटा दिया गया. उनके बाद मदन लाल को हेड कोच बनाया गया, लेकिन उनकी कोचिंग में टीम कुछ खास नहीं कर पाई. मदन लाल के 1997 से 99 के लिए अंशुमन गायकवाड़ को हेड कोच बनाया गया. इसके बाद उन्हें 2000 में भी हेड कोच बनाया गया. हालांकि, इस दौरान भी भारत को कुछ खास नहीं कर पाया.
1999 में कपिल देव बने हेड कोच
अंशुमन गायकवाड़ के बाद कपिल देव को 1999 से 2000 के लिए हेड कोच बनाया गया. उनकी कोचिंग में टीम को लगातार हार झेलनी पड़ी. उन्हीं की कोचिंग में सचिन ने कप्तानी से इस्तीफा दिया और सौरव गांगुली कप्तान बने. कुल मिलाकर कपिल देव की कोचिंग में टीम कुछ खास नहीं कर पाई.
टीम के प्रदर्शन में नहीं हुआ सुधार
जब लगातार भारतीय कोचों को नियुक्त करने के बाद भी टीम के प्रदर्शन में खासा सुधार नहीं हुआ तो साल 2000 में BCCI ने विदेशी कोच को नियुक्त करने का फैसला लिया. लिहाजा जॉन राइट को टीम इंडिया का पहला विदेशी कोच बनाया गया. वे 2000 से 2005 तक टीम के कोच रहे. उनकी कोचिंग में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 हराया. इसके अलावा भारत 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल में भी पहुंचा.
2005 में ग्रेग चैपल बने हेड कोच
जॉन राइट के बाद ग्रेग चैपल को कोचिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई. वे 2005 से 2007 तक हेड कोच की भूमिका में रहे. हालांकि, उनके कार्यकाल में चैपल का रिश्ता सौरव गांगुली से बेहद विवादित रहा और गांगुली के बदले राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान बनाए गए. ग्रेग चैपल के बाद गैरी कस्टर्न टीम के हेड कोच बने. वे साल 2008 से 2011 तक हेड कोच की भूमिका में रहे. उन्हीं की कोचिंग में भारत ने 2011 का वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता था. यानी कि गैरी कस्टर्न भारत के सर्वश्रेष्ठ कोचों में से एक हैं.
2011 में डंकन फ्लेचर बने हेड कोच
गैरी कस्टर्न के बाद डंकन फ्लेचर को 2011 में हेड कोच बनाया गया. वे 2015 तक टीम के हेड कोच रहे. उनके कार्यकाल में टीम का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा. टीम इंडिया 2015 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंची थी. हालांकि, इस दौरान टेस्ट क्रिकेट में टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. डंकन फ्लेचर के बाद रवि शास्त्री टीम के डायरेक्टर बने. वे 2014 से 2016 तक डायरेक्टर के साथ कोच की भूमिका निभाते रहे. उनकी कोचिंग में ही धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया और विराट कोहली को कप्तानी मिली.
रवि शास्त्री के बाद अनिल कुंबले बने हेड कोच
रवि शास्त्री के बाद अनिल कुंबले टीम 2016 में टीम के हेड कोच बनाए गए. उनकी कोचिंग में भारत 13 में से सिर्फ एक ही टेस्ट मैच हारा. हालांकि, शानदार रिजल्ट के बावजूद भी अपनी सख्त बर्ताव की वजह से उनकी कप्तान विराट के साथ अनबन हो गई. लिहाजा उनका कार्यकाल एक साल में ही खत्म हो गया. अनिल कुंबले के बाद एक बार फिर रवि शास्त्री टीम के कोच बने. उनकी कोचिंग में टीम वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भी पहुंची.
भारत को चैंपियन बनाने वाले पहले कोच हैं द्रविड़
रवि शास्त्री के बाद 2021 में राहुल द्रविड़ टीम के हेड कोच बने. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया कई बार आईसीसी के फाइनल में पहुंची और जीत से सिर्फ एक कदम दूर रह गई. हालांकि, अंततः उन्हीं की कोचिंग में टीम को 17 सालों बाद टी20 फॉर्मेट में कामयाबी मिली और भारत टी20 वर्ल्ड कप 2024 में चैंपियन बना. द्रविड़ टीम को चैंपियन बनाने वाले पहले भारतीय कोच हैं.
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