जल्द खत्म हो जाएगी आईपीएल जैसी टी20 लीग, जानें क्यों सौरव गांगुली ने दिया ये बयान

Sourav Ganguly: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का टी20 मैचों को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. पूर्व कप्तान का मानना है कि टी20 लीग को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पर तरजीह देना ज्यादा लंबे समय तक टिकने वाला नहीं है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 7, 2023, 12:42 PM IST
  • जल्द खत्म हो जाएगी आईपीएल (IPL) जैसी टी20 लीग
  • मजबूत क्रिकेट के लिए क्या है जरूरी
जल्द खत्म हो जाएगी आईपीएल जैसी टी20 लीग, जानें क्यों सौरव गांगुली ने दिया ये बयान

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सोमवार को टी20 को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों का टी20 लीग को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पर तरजीह देना ज्यादा लंबे समय तक टिकने वाला नहीं है. भविष्य में आर्थिक रूप से मजबूत कुछ ही लीग चल सकेंगी. 

बता दें कि टी20 लीग की बढ़ती संख्या के बीच अब खिलाड़ी देश के बजाय फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेलने को तरजीह देने लगे हैं. बिग बैश लीग के बाद अब यूएई और दक्षिण अफ्रीका में भी टी20 लीग खेली जा रही है तो वहीं पर दिसंबर 2023 तक अमेरिका में भी इस लीग को शुरू करने की योजना है. 

जल्द खत्म हो जाएगी आईपीएल (IPL) जैसी टी20 लीग

सौरव गांगुली ने कहा, ‘हम दुनिया में हो रही लीग के बारे में बात करते रहते हैं. आईपीएल बिल्कुल अलग तरह की लीग है. ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग भी अच्छा कर रही है और इसी तरह ब्रिटेन में द हंड्रेड ने अच्छा किया. दक्षिण अफ्रीका लीग भी अच्छा कर रही है. ये सभी लीग उन देशों में हो रही है जहां क्रिकेट लोकप्रिय है. मेरा मानना है कि आने वाले चार पांच साल में कुछ ही लीग बची रहेंगी और मुझे पता है कि वे कौन सी होंगी. फिलहाल हर खिलाड़ी नई लीग से जुड़ना चाहते हैं लेकिन आने वाले समय में उन्हें पता चल जायेगा कि कौन सी महत्वपूर्ण है. ऐसे में देश के लिए खेलने को लीग क्रिकेट पर तरजीह दी जायेगी.’ 

मजबूत क्रिकेट के लिए क्या है जरूरी 

सौरव गांगुली ने क्रिकेट प्रशासन की अहमियत पर जोर देते हुए कहा, 'मैं पांच साल बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष रहा और फिर तीन साल बीसीसीआई (BCCI) का अध्यक्ष रहा. मैने आईसीसी (ICC) में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और देखा है कि बुनियादी ढांचे और सहयोग से ही खेल संभव है. मैने पहला विश्व कप 1999 में खेला. जिम्बाब्वे उस समय किसी को भी हरा सकता था. उस समय जिम्बाब्वे क्रिकेट के पास ज्यादा पैसा नहीं था. भारत के पास भी नहीं था. वेस्टइंडीज के पास माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबटर्स या जोएल गार्नर के समय में कहां पैसा था. खिलाड़ियों के लिए अच्छा प्रशासन बहुत जरूरी है. पैसा कोई मसला नहीं है. खिलाड़ियों और प्रशासकों के बीच अच्छे संबंध होने से कई समस्याएं सुलझ जाती है.’ 

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