IND vs AUS: जब शार्दुल ने रवि शास्त्री से बोला झूठ, बात मानने से किया इंकार, फिर भी नहीं लगी क्लास और मिली शाबाशी

IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2018-19 में खेली गई बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज की जीत भले ही ऐतिहासिक थी लेकिन 2020-21 में जब भारत ने दोबारा ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसी की सरजमीं पर हराया तो वो भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार जीत बन गई.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 5, 2023, 12:10 PM IST
  • सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन का सुनाया किस्सा
  • शार्दुल ने नहीं दिया मैसेज और फिर बोला झूठ
IND vs AUS: जब शार्दुल ने रवि शास्त्री से बोला झूठ, बात मानने से किया इंकार, फिर भी नहीं लगी क्लास और मिली शाबाशी

IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2018-19 में खेली गई बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज की जीत भले ही ऐतिहासिक थी लेकिन 2020-21 में जब भारत ने दोबारा ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसी की सरजमीं पर हराया तो वो भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार जीत बन गई. इस सीरीज के पहले मैच में भारतीय टीम 36 रन पर ऑल आउट हो गई थी और सीरीज के दौरान लगातार खिलाड़ी चोटिल हो रहे थे.

हालांकि इसके बावजूद युवाओं से भरपूर भारतीय टीम ने न सिर्फ सीरीज में वापसी की बल्कि कंगारुओं के अभेद किले के रूप में मशहूर गाबा के मैदान पर मैच जीत सीरीज को अपने नाम किया. 

सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन का सुनाया किस्सा

इस सीरीज के दौरान गाबा टेस्ट की जीत भले ही सबसे यादगार रही है लेकिन दूसरे नंबर सिडनी टेस्ट आता है जिसके आखिरी दिन भारतीय टीम ने चोटिल अश्विन और हनुमा विहारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया के खतरनाक गेंदबाजी अटैक को पस्त कर दिया और एक यादगार ड्रॉ कराया. इस ड्रॉ के लिये आमतौर पर सिर्फ इन दो खिलाड़ियों को श्रेय दिया जाता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसमें तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर का भी हाथ था जो कि इस मैच की प्लेइंग 11 का भी हिस्सा नहीं थे.

मैच के आखिरी दिन जब ऋषभ पंत मैदान पर उतरे तो वो पेनकिलर खा कर उतरे थे. पंत ने दिन की शुरुआत शानदार तरीके से की और पुजारा (77) के साथ न सिर्फ पारी को संभाला बल्कि 118 गेंदों में 97 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम को जीत की दहलीज पर ला खड़ा किया. इन दोनों की बेहतरीन पारी के बावजूद जब उनका विकेट गिरा तो भारत मुश्किल परिस्थिति में था. आखिरी सत्र में भारत को जीत के लिये 127 रन की दरकार थी और मैदान पर विहारी-अश्विन की जोड़ी खेल रही थी. बल्लेबाजी क्रम में जडेजा भी थे लेकिन मैच के दौरान अंगूठे में चोट लगने से उनके खेलने की उम्मीद कम ही लग रही थी.

टी ब्रेक के दौरान शास्त्री ने बनाया था अश्विन-विहारी के लिये प्लान

इसके साथ ही जहां अश्विन पीठ दर्द का शिकार थे तो वहीं पर विहारी हैमस्ट्रिंग की चोट से जूझ रहे थे. भारत के पूर्व फील्डिंग कोच ने उस मैच का जिक्र अपनी किताब 'कोचिंग बियॉन्ड -माई डेज विद इंडियन क्रिकेट टीम ' में किया और चाय सत्र के दौरान उस घटना का जिक्र किया जिसने मैच का नतीजा तय किया. उस वक्त विहारी को नाथन लॉयन का सामना करने में दिक्कत हो रही थी जिसे देखते हुए कोच रवि शास्त्री ने फैसला किया कि हनुमा विहारी पेसर्स का सामना करेंगे तो वहीं पर अश्विन स्पिनर्स का और इस दौरान कोई रन नहीं लिया जाएगा.

उन्होंने लिखा,' विहारी और अश्विन टी ब्रेक में जब ड्रेसिंग रूम पहुंचे तो हमने उन्हें बधाई दी और ऐसे ही खेलने के लिये कहा, इसके बाद एक रणनीतिक डिसिजन भी लिया गया. विहारी को हैमस्ट्रिंग इंजरी थी जिसके चलते वो लॉयन को अच्छे से खेल नहीं पा रहे थे, वहीं दूसरी ओर अश्विन पर लगातार बाउंसर की बौछार हो रही थी. तो हमने फैसला किया कि अश्विन सिर्फ लॉयन के खिलाफ खेलेंगे तो विहारी पेसर्स का सामना करेंगे.'

बेचैनी में शर्ट उतारने लगे थे रवि शास्त्री

श्रीधर ने आगे कहा कि शुरुआती दौर में यह काम अच्छे से चला लेकिन दोनों की पोल उस वक्त खुल गई जब इन बल्लेबाजों ने बेवजह एक रन लिया. इसके बाद भारतीय टीम के हेड कोच रवि शास्त्री ने शार्दुल ठाकुर को बुलाया और ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान एक मैसेज भेजने को कहा कि अश्विन-विहारी को प्लान के साथ बने रहने के लिये कहो.

श्रीधर ने लिखा,' टी ब्रेक पर बनाये गये प्लान पर कुछ देर तक टिके रहने के बाद पता नहीं क्यों उन्होंने एक अनचाहा सिंगल लिया जिसने विहारी को लॉयन और अश्विन को पेसर्स के सामने ला खड़ा किया. कुछ और सिंगल्स के बाद रवि शास्त्री परेशान हो गये और अपनी शर्ट उतराने लगे. उन्होंने शार्दुल ठाकुर को बुलाया और कहा कि मेरी बात ध्यान से सुनो और उन्हें एकदम यही जाकर कहो, कुछ भी हो जाए विहारी तेज गेंदबाजों को खेलेगा और अश्विन को लॉयन का सामना करना है. कोई सिंगल्स नहीं लेने हैं, कोई छोर नहीं बदलना है समझे? शार्दुल इस पर मुस्कुराया और हां सर कह कर मैदान पर पानी की बोतल के साथ चला गया.' 

शार्दुल ने नहीं दिया मैसेज और फिर बोला झूठ

श्रीधर ने किस्से के बारे में आगे लिखते हुए कहा कि जब शार्दुल वापस लौटा तो शास्त्री ने उससे दोबारा पूछा कि मैसेज दिया तो उसने हां में सिर हिला दिया. हालांकि काफी बाद में जाकर पता चला कि शार्दुल ने रवि शास्त्री की बात नहीं मानी थी और उनसे झूठ बोला था. श्रीधर के हिसाब से शार्दुल शायद ऑर्डर भूल गये थे या फिर वो बल्लेबाजों की लय खराब नहीं करना चाहते थे जिसके चलते दोनों ने 259 गेंदों का सामना कर एक बेहतरीन ड्रॉ हासिल किया. श्रीधर ने शार्दुल की इसके लिये तारीफ भी की.

उन्होंने लिखा,' जब शार्दुल उन दोनों से बात कर वापस लौटा तो रवि ने पूछा कि क्या तुमने मैसेज दिया तो उसने कहा जी सर, बिल्कुल. हालांकि हमें टेस्ट क्रिकेट के सबसे बेहतरीन ड्रॉ के बहुत-बहुत बाद में जाकर पता लगा कि शार्दुल मैदान पर गये तो अश्विन ने पूछा कि ड्रेसिंग रूम में क्या कह रहे हैं तो शार्दुल ने कहा कि वो लोग काफी बातें कर रहे हैं लेकिन तुम लोग चिंता मत करो. तुम लोग बहुत अच्छा खेल रहे हो और बस जो कर रहे हो वो करना जारी रखो. उसने रवि का मैसेज नहीं दिया बल्कि वो कहकर आया जिसे मैदान पर खेल रहे उन दोनों बल्लेबाजों को सुनने की जरुरत थी. उसने वो मैसेज दिया जो शायद परिस्थितियों के हिसाब से सबसे बेहतर था. उसके इस काम की जितनी तारीफ की जाये कम है, यह बताता है कि हम खिलाड़ियों को किस तरह से बढ़ा रहे थे और परिस्थितियों के हिसाब से क्या किया जाये ये सिखा रहे थे.'

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