IND vs AUS,BGT 2023: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज समाप्त हो गई है और अहमदबाद में खेले गये सीरीज के आखिरी मैच का नतीजा ड्रॉ रहने के बाद भारतीय टीम ने एक बार फिर से इस सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में यह लगातार चौथा मौका है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर लगातार 2-1 से सीरीज में जीत दर्ज की है. इससे पहले भारतीय टीम ने 2017 में घरेलू श्रृंखला के अलावा 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया था.
कप्तानी में अभी भी सीख रहे हैं रोहित शर्मा
भारत के लिये पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में नेतृत्व कर रहे कप्तान रोहित शर्मा के लिये यह जीत काफी खास है, हालांकि इसके बाद भी वो अपनी कप्तानी से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है. रोहित शर्मा सीमित ओवर्स की कप्तानी लंबे समय से कर रहे हैं लेकिन टेस्ट प्रारूप में वो अब तक सिर्फ 6 मैचों में ही भारत का नेतृत्व करते नजर आये हैं. उन्होंने अब तक श्रीलंका के खिलाफ दो और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में कप्तानी की है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में जीत हासिल करने के बाद रोहित शर्मा ने वह फिलहाल टेस्ट प्रारूप में कप्तानी के गुर सीख रहे हैं और चीजों को आसान बनाये रखना चाहते हैं. वो नहीं चाहते कि लोगों का ध्यान खींचने के लिये कुछ हटकर किया जाए.
जर्नलिस्ट के सवाल पर हंस पड़े थे रोहित शर्मा
मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब रोहित से उनकी कप्तानी का एनालिसिस करने को कहा गया तो जवाब में वो हंस पड़े.
उन्होंने कहा, ‘चार टेस्ट मैच. पूरा करना है (विश्लेषण) क्या? नागपुर से यहां तक. मैं तो तीन टेस्ट मैच से करता आ रहा हूं. मैं अभी हर उस मैच से कप्तान के रूप में सीख रहा हूं जिसकी मैंने कप्तानी की है. अन्य प्रारूपों की तुलना में मैंने टी20 क्रिकेट में अधिक कप्तानी की है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी के मामले में मुझे केवल छह मैच का अनुभव है. मैं अभी सीख रहा हूं. मेरे साथियों ने काफी क्रिकेट खेली है और वे मदद के लिए मेरे साथ हैं.’
कैसे बनाया जा सकता है कप्तानी को प्रभावशाली
इसके बाद रोहित शर्मा से सवाल किया गया कि उनके हिसाब से किसी भी कप्तान के नेतृत्व करने की क्षमता को प्रभावशाली बनाने का तरीका क्या है, जिसके जवाब में उन्होंने चीजों को सरल बनाये रखने की बात कही.
उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं टीम का नेतृत्व करता हूं तो चीजों को सरल बनाए रखने की कोशिश करता हूं. मेरा ध्यान हमेशा इस पर रहता है कि मैं कुछ प्रयोग करने या कुछ अलग हटकर करने की कोशिश न करूं. बस इसे सरल बनाए रखें क्योंकि यह खेल का लंबा प्रारूप है और इसमें आपको धैर्य रखने की जरूरत पड़ती है. आपको सही निर्णय लेने में सक्षम होने की जरूरत पड़ती है और इसके लिए आपको मैदान पर शांतचित रहना होता है. जब मैं टीम की कप्तानी कर रहा होता हूं तो मैं हमेशा इन चीजों के बारे में सोचता हूं. फिर जैसा मैंने कहा कि मैं अब भी कप्तानी सीख रहा हूं. मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं.’
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